आजमगढ़ में मुलायम का विरोध करेगी उलेमा काउंसिल
बलिराम सिंह
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की घेराबंदी में खुद मुस्लिम संगठन लग गए हैं। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशदी ने आजमगढ़ में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लडऩे का फैसला किया है। इनके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अध्यापक संगठन भी आजमगढ़ में मुलायम सिंह का विरोध करने का फैसला किया है।
दिल्ली के बाटला हाउस एंकाउंटर के बाद गठित राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष आमिर रशदी का कहना है कि मुस्लिम वोटों के बल पर सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। उनका कहना है कि मुज्जफरनगर दंगे को रोक पाने में समाजवादी पार्टी असफल साबित हुई। उधर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अध्यापक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि आजमगढ़ में सपा सुप्रीमो के खिलाफ लोगों से वोट देने की अपील की जाएगी।
वर्ष 2012 में उलेमा काउंसिल को मिले वोट-
वर्ष 2012 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान उलेमा काउंसिल ने आजमगढ़ और इसके आसपास की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी को महज 20 हजार वोट प्राप्त हुए। इसके अलावा पीस पार्टी और माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के प्रत्याशियों ने भी कुछ वोट प्राप्त किए थे।।
आजमगढ़ से अलीगढ़ का खास लगाव-
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आजमगढ़ के युवक काफी तादाद में शिक्षा ग्रहण करते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय के अध्यापकों का चुनाव प्रचार मुलायम के लिए समस्या खड़ी कर सकती है।
विधानसभा सीट - पार्टी - प्राप्त मत
1-सगड़ी - उलेमा काउंसिल - 5035 वोट
2-मुबारकपुर - पीस पार्टी - 16334 वोट
2-मुबारकपुर - कौमी एकता दल - 4179 वोट
3-गोपालपुर - उलेमा काउंसिल - 10512 वोट
3-गोपालपुर - कौमी एकता दल - 2848 वोट
4- आजमगढ़ सदर-उलेमा काउंसिल - 2575 वोट
5-मेहनगर (आरक्षित)- कौमी एकता गठबंधन-5723 वोट