Tuesday 4 March 2014

मोदी की राह सुगम करने के लिए अपना दल पर डोरा डाल रही भाजपा

वाराणसी से चुनावी समर फतह करने के लिए नरेन्द्र मोदी को अपना दल की दरकार है। खास बात यह है कि वर्तमान में यह दरकार दोनों पक्षों को है। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच गठबंधन की खिचड़ी भी पक रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गठबंधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। लेकिन इस मामले में एक पेंच भी आ रहा है। भाजपा नेता जहां अपना दल का भाजपा में विलय चाहते हैं, वहीं अपना दल विलय के बजाय गठबंधन चाहता है।
क्यों है अपना दल से गठबंधन जरूरी:
विधानसभा 2012 के उतर प्रदेश चुनाव में अपना दल महासचिव अनुप्रिया पटेल ने वाराणसी के रोहनिया विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इसके अलावा एक सीट पर अपना दल दूसरे स्थान पर एवं एक सीट पर तीसरे स्थान पर रही। अर्थात अपना दल को वाराणसी जिले में अच्छा खासा वोट प्राप्त हुआ। अपना दल के अलावा समाजवादी पार्टी के लोक निर्माण विभाग के राज्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल भी इसी जिले से जीत कर आए हैं और कुर्मि बिरादरी से संबंध रखते हैं। ऐसे में सुरेन्द्र सिंह पटेल की लोकप्रियता भी भाजपा प्रत्याशी की जीत में रोड़ा बनेगी। लोकसभा चुनाव में प्रत्येक सीट को महत्वपूर्ण मानकर चल रही भाजपा के लिए वाराणसी भी अहम है। साथ ही प्रधानमंत्री के दावेदार नरेन्द्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपना दल से गठबंधन जरूरी है।

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