आप के हाथ लगी घोटालों की फाइल
घोटालों की जांच पर पैनी नजर रखेगी आप
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
सत्ता भले ही चली गई, लेकिन पूर्ववत्र्ती सरकार के शासनकाल में किए गए बड़े घोटालों की फाइल आम आदमी पार्टी के हाथ लग गई है। ऐसे में इन मामलों की जांच पर आम आदमी पार्टी (आप) की पैनी नजर रहेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्होंने सभी फाइलों को बारीकी से देखा है। ऐसे में प्रत्येक जांच प्रक्रिया पर उनकी पार्टी विशेष नजर रखेगी।
सिसोदिया ने यह भी कहा है कि पिछले दिनों 6 बड़े मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसी के तहत मुकेश अंबानी, वीरप्पा मोइली, दिल्ली जल बोर्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मामलों में एफआईआर दर्ज करायी गई। इन सभी मामलों की जांच ढीली नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि इन घोटालों में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां मिली हुई हैं। पांच हजार की स्ट्रीट लाइट्स को पूर्ववर्ती सरकार ने 27 हजार रुपए में पास करवाया और नगर निगम में सत्तासीन भाजपा ने इन लाइटों को लगवाया। इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड में निजीकरण और मरम्मत के नाम पर 350 करोड़ रुपए की भारी-भरकम धनराशि के घोटाले का आरोप है। इस मामले में खुद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, दो पूर्व सीईओ रमेश नेगी, देवाश्री मुखर्जी के अलावा जल आपूर्ति सदस्य बीएम धौल सहित अन्य कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के फंसने की संभावना है। उन्होंने मांग की है कि यदि कांग्रेस और भाजपा मिलकर सरकार नहीं बनाती हैं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
सत्ता भले ही चली गई, लेकिन पूर्ववत्र्ती सरकार के शासनकाल में किए गए बड़े घोटालों की फाइल आम आदमी पार्टी के हाथ लग गई है। ऐसे में इन मामलों की जांच पर आम आदमी पार्टी (आप) की पैनी नजर रहेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्होंने सभी फाइलों को बारीकी से देखा है। ऐसे में प्रत्येक जांच प्रक्रिया पर उनकी पार्टी विशेष नजर रखेगी।
सिसोदिया ने यह भी कहा है कि पिछले दिनों 6 बड़े मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसी के तहत मुकेश अंबानी, वीरप्पा मोइली, दिल्ली जल बोर्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मामलों में एफआईआर दर्ज करायी गई। इन सभी मामलों की जांच ढीली नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि इन घोटालों में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां मिली हुई हैं। पांच हजार की स्ट्रीट लाइट्स को पूर्ववर्ती सरकार ने 27 हजार रुपए में पास करवाया और नगर निगम में सत्तासीन भाजपा ने इन लाइटों को लगवाया। इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड में निजीकरण और मरम्मत के नाम पर 350 करोड़ रुपए की भारी-भरकम धनराशि के घोटाले का आरोप है। इस मामले में खुद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, दो पूर्व सीईओ रमेश नेगी, देवाश्री मुखर्जी के अलावा जल आपूर्ति सदस्य बीएम धौल सहित अन्य कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के फंसने की संभावना है। उन्होंने मांग की है कि यदि कांग्रेस और भाजपा मिलकर सरकार नहीं बनाती हैं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
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