Wednesday 12 February 2014

राज्यसभा के 50 सदस्यों में मात्र 2 दलित चेहरे


पिछले सप्ताह राज्य सभा में 50 नए सदस्यों का चयन किया गया, लेकिन इस चयन में अनुसूचित जाति से मात्र दो लोगों को ही जगह दी गई। देश के सबसे बड़े राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और खुद को दलितों का सबसे बड़ा झंडाबरदार बताने वाली मायावती ने राज्य सभा में किसी दलित विचारक, कलाकार अथवा विद्वान को जगह नहीं दी। अमर उजाला अखबार में छपे लेख से साबित होता है कि बाबू जगजीवन राम के बाद इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। लेख में यह भी उल्लेख है कि वर्तमान में अधिकांश एससी नेता केवल खुद के प्रचार पर ध्यान देते हैं,,,,

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