Friday 14 February 2014

सरकार को नहीं मालूम-कितने अस्पतालों में गठित हुई महिला सुरक्षा कमेटी


-आरटीआई का जवाब- आर्डर का नहीं मिला फीडबैक
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
दिल्ली के कितने अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कमेटी का गठन किया गया है, इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी नहीं है। सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए जवाब में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जवाब दिया है कि हमने 20 दिसंबर को आर्डर जारी कर दिया था, लेकिन कितने अस्पतालों में कमेटी का गठन किया गया, इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं है। विभाग को यह भी नहीं मालूम कि कितनी महिलाओं ने शिकायतें दर्ज करायी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत किसी भी अस्पताल अथवा सोसायटी में महिला उत्पीडऩ को रोकने के लिए सेक्सुअल हरासमेंट ऑफ वूमेन एट वर्क प्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिविशन एंड रिड्रेसल) एक्ट-2013 के तहत कमेटी का गठन किया जाना अनिवार्य है। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग दो बार आदेश जारी कर चुका है। स्पेशल सेक्रेटरी एस.बी.शशांक ने 20 दिसंबर को सभी अस्पतालों में एक्ट-2013 के तहत कमेटी के गठन और महिलाओं की शिकायतों का तत्काल निदान करने का आदेश जारी किया।
लेकिन मजे की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग आदेश जारी करने के बाद इन अस्पतालों से फीड बैक लेना भूल गया है। इस बारे में सूचना अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी अस्पतालों का डाटा नहीं है। यदि आप इस बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको सभी अस्पतालों में अलग-अलग आरटीआई फाइल करना होगा।
विशेषज्ञ का बयान-
आरटीआई विशेषज्ञ रविंदर चावला का कहना है कि ऐसे मामले में सूचना अधिकारी सेक्शन 5 (2) और सेक्शन 6 के तहत संबंधित विभाग को सवाल ट्रांसफर कर देता है। इस बाबत उसे 35 दिनों में जानकारी उपलब्ध करानी होती है। लेकिन कई बार सूचना अधिकारी जवाब देने से टालमटोल करने के लिए इस तरह का जवाब देते हैं।
पूर्व चीफ सेक्रेटरी के बयान-
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव राकेश मेहता का कहना है कि हम जो आर्डर जारी करते हैं, उसका हमें फीडबैक भी मिलता है। यदि स्वास्थ्य विभाग कोई आर्डर जारी करता है तो संबंधित अस्पताल आदेश का फीडबैक जरूर देंगे।

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