Monday 3 March 2014

लालू-मुलायम-मायावती को उदित राज की नसीहत


सेक्युलरिज्म के नाम पर मुसलमानों को वोट बैंक समझने वाली कांग्रेस एवं लालू-मुलायम, मायावती सरीखे ऐसे नेताओं को एक बार फिर से अपनी रणनीति पर मंथन करने की जरूरत है। भाजपा में शामिल दलित नेता उदित राज ने अपने लेख में स्पष्ट किया है कि गुजरात में जो हुआ, बुरा हुआ, लेकिन गोधरा में जो हुआ, वह भी अच्छा नहीं हुआ। करोड़ों की तादाद में बंग्लादेशी भारत आ रहे हैं, उस पर कोई नहीं बोलता है, भारत-पाक विभाजन के समय वहां पर 22 फीसदी हिन्दू थें, अब वहां पर मात्र दो फीसदी हैं, आखिर वो कहां चले गए। तथाकथित सेक्युलरिस्टों को गुजरात तो याद रहता है, लेकिन कश्मीर भूल जाते हैं।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि दलितों-आदिवासियों को भाजपा मीडिया, उद्योग, व्यापार, ठेका, आपूर्ति में भागीदारी दे तो दलितों की स्थिति में जल्द ही सुधार हो जाएगा।

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