Tuesday 17 February 2015

भ्रष्टाचार के जंग के लिए केजरीवाल ने केन्द्र से मांगा संजीव चतुर्वेदी - -यूपी के देवरिया निवासी हैं संजीव चतुर्वेदी

भ्रष्टाचार के जंग के लिए केजरीवाल ने केन्द्र से मांगा संजीव चतुर्वेदी
-युवा आईपीएस अधिकारियों के रोलमॉडल हैं संजीव चतुर्वेदी
-एम्स व हरियाणा में भ्रष्ट अधिकारियों के लिए सिरदर्द हो गए थें चतुर्वेदी
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
 दिल्ली में जल्द ही भ्रष्टाचारियों की शामत आने वाली है। दिल्ली में भ्रष्टाचार से जंग लडऩे के लिए युवा आईपीएस अधिकारियों के रोल मॉडल और एम्स के पूर्व सीवीओ (मुख्य सतर्कता अधिकारी) संजीव चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनाया जाएगा।
अरविंद केजरीवाल ने इस बाबत बकायदा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर मांग की है कि संजीव चतुर्वेदी को तत्काल दिल्ली के मुख्यमंत्री के ओएसडी के तौर पर जरूरत है। अत: केन्द्रीय मंत्री इस बाबत तत्काल आर्डर पारित करें। संजीव चतुर्वेदी फिलहाल एम्स में डिप्टी सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के निवासी संजीव चतुर्वेदी वर्ष 2002 बैच के हरियाणा कैडर के आईएफएस (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) अधिकारी हैं। संजीव चतुर्वेदी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिशन के तौर पर लड़ाई लड़ रहे हैं। हरियाणा से लेकर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में संजीव चतुर्वेदी ने दर्जनों भ्रष्टाचार का उजागर किया है और अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान संजीव चतुर्वेदी को नेता-भ्रष्ठ नौकरशाह और वन माफियाओं व ड्ग्स माफियाओं का कोप भाजन भी होना पड़ा।
बता दें कि संजीव चतुर्वेदी को एम्स के सीवीओ पद से हटाने के लिए मात्र 24 घंटे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आला अधिकारियों ने संजीव चतुर्वेदी को सीवीओ पद से हटा दिया था। मंत्रालय के इस फैसले की चौतरफा निंदा की गई थी। दैनिक भास्कर अखबार ने इस खबर को प्रमुखता से छापा था। आम आदमी पार्टी ने इस मामले में संजीव चतुर्वेदी की फोटो अपनी वेबसाइट पर लगाकर न्याय की मांग की थी तो जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने प्रधानमंत्री को इस बाबत पत्र लिखकर उनकी बहाली की गुजारिश की थी। इस मामले पर खुद भाजपा सांसद उदित राज ने इस फैसले की निंदा की थी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान-
हरियाणा में वरिष्ठ पद पर रहते हुए संजीव चतुर्वेदी ने वन विभाग से संबंधित भ्रष्टाचार के अनेकों मामले उजागर किए थे और कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस मामले को लेकर संजीव चतुर्वेदी और हरियाणा की तत्कालीन भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार के बीच ठन गई थी और तत्कालीन राष्ट्रपति के हस्तक्षेप से संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली बुलाया गया और एम्स का सीवीओ नियुक्त किया गया।
एम्स में सीवीओ रहते संजीव चतुर्वेदी ने दर्जनों भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने एक आईएस अधिकारी, एक आईपीएस अधिकारी सहित भ्रष्टाचार में लिप्त कई वरिष्ठ डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की।

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Wednesday 11 February 2015

दिल्ली दंगल-एक भी नहीं है गंभीर अपराधिक रिकार्ड वाला विधायक

-गंभीर अपराधिक रिकार्ड वाले 60 प्रत्याशियों को जनता ने नकारा 
-गंभीर अपराध वाले एक भी विधायक नहीं, एडीआर ने की तारीफ
बलिराम सिंह, नई दिल्ली   

दिल्ली के दंगल में एक भी गंभीर अपराधिक रिकार्ड वाला विधायक नहीं है। चुनाव में लडऩे वाले 60 प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप था, लेकिन जनता ने इन्हें नकार दिया है। हालांकि
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीतने वाले 24 विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। आम आदमी पार्टी के 67 विधायकों में से 23 विधायकों पर अपराधिक आरोप हैं। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस) ने दिल्ली चुनाव में जीते इन विधायकों की पृष्ठभूमि को लेकर तारीफ करते हुए कहा है कि इन विधायकों पर कोई गंभीर अपराध अथवा हत्या के प्रयास, किसी महिला के खिलाफ अपराध जैसे मामले दर्ज नहीं हैं। यह नया बदलाव है और देश के अन्य हिस्सों से अलग है।
अपराधिक आंकड़े-

वर्ष 2015- 24 विधायक
वर्ष 2013- 25 विधायक
वर्ष 2008- 29 विधायक (68 विधायकों में)
गंभीर अपराधिक छवि को जनता ने नकारा-

एडीआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 के चुनाव में कुल 673 प्रत्याशियों में से 91 के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 60 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। मजे की बात यह है कि ये सभी 60 प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं। इनमें कांग्रेस के 21, बीजेपी के 26, बीएसपी के 12 और आप के 1 प्रत्याशी शामिल थे।
44 करोड़पति विधायक-

इस बार 44 करोड़पति विधायकों ने जीत हासिल की है। जबकि वर्ष 2013 में 51 करोड़पति और वर्ष 2008 में 47 करोड़पति विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से 11 विधायकों की संपत्ति 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
28 विधायकों की उम्र 40 साल से कम-

नए 70 विधायकों में से 28 विधायकों की उम्र 40 साल से कम है। इनमें से 6 विधायक की उम्र 25 से 30 साल और 22 विधायक की उम्र 31 से 40 साल के बीच है। इनके अलावा अरविंद केजरीवाल सहित 21 प्रत्याशियों की उम्र 41 से 50 साल है। 16 विधायकों की उम्र 51 से 60 साल और 4 विधायकों की उम्र 61 से 70 साल है। हालांकि एक विधायक की उम्र की जानकारी नहीं मिली है।

Friday 6 February 2015

झाड़ू के समर्थन में इकट्ठा हुए देशभर के आप समर्थक


-बीएचयू, उस्मानिया, मुंबई, केरल से दिल्ली पहुंचे हजारों कार्यकत्र्ता
-उस्मानिया विश्वविद्यालय से आए 100 छात्र-प्रोफेसर
बलिराम सिंह, नई दिल्ली

दिल्ली के दंगल में अरविंद केजरीवाल को विजयश्री दिलाने के लिए पार्टी का कुनबा पूरे देश से इकट्ठा हो गया है। दिल्ली का दिल कहा जाने वाला कनॉट प्लेस में गुरुवार को इसका नजारा साफ देखने को मिला। आप का झंडा बुलंद करने के लिए आप के समर्थक बीएचयू, मुंबई, उस्मानिया विश्वविद्यालय, केरल सहित विभिन्न राज्यों से लगभग 70 हजार समर्थक दिल्ली में डेरा डाले हुए थें। हालांकि अब ये छात्र गुरुवार शाम से अपने-अपने राज्यों में वापसी शुरू कर दिए हैं। इन कार्यकत्र्ताओं ने कनॉट प्लेस में नारेबाजी व ढोल नगाड़ों के साथ आप के पक्ष में जमकर प्रचार किया, जिसका जनता के बीच एक मनोवैज्ञानिक असर साफ नजर आ रहा है।
बीएचयू-
बीएचयू से एलएलबी कर रहे जानवी शेखर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से 100 से ज्यादा छात्र अपने छात्र नेताओं विनिता चंद्रा और उमेश सिंह के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय-
यहां से पीएचडी के स्टूडेंट मशहूर का कहना है कि इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय से लगभग 300 छात्रों का दल दिल्ली चुनाव में झाड़ू का झंडा बुलंद किये हैं। ये छात्र कनॉट प्लेस से लेकर दिल्ली के प्रमुख इलाकों ओखला, सीलमपुर, चांदनी चौक, मटियामहल, मुस्तफाबाद, बाबरपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
हैदराबाद-
तेलंगाना स्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय के 100 छात्र और प्रोफेसर पिछले एक सप्ताह से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ये छात्र आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) के सदस्य हैं। सीवाईएसएस के एवडवाइजरी सदस्य और उस्मानिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ.वेंकटेश का कहना है कि तेलंगाना से लगभग 200 लोग दिल्ली आए हैं। इनमें 100 छात्र हैं। उन्होंने बताया कि सभी समर्थक 31 जनवरी से दिल्ली के करोलबाग, राजौरी गार्डन, गांधी नगर, कनॉट प्लेस सहित विभिन्न इलाकों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। दिन में उनकी ड्यूटी कनॉट प्लेस में चुनाव प्रचार की जिम्मेवारी दी गई है। इसी तरह केरल के प्रत्येक जिले से 10-10 लोगों की टीमें आई हुई हैं।
मुंबई-
 मुंबई में पाइपिंग का कारोबार करने वाले नितिन 15 लोगों की टीम के साथ कनॉट प्लेस में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 7 पर ये अपनी टीम के साथ दिन में केजरीवाल के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थें। इनके अलावा आईटी कंपनी चलाने वाले एक युवक मुंबई से आकर गेटर नंबर 7 पर आप का झंडा बुलंद किए हुए थे। ये लोगों को आप को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहे थें और टोपियां बांट रहे थे। इसी तरह उज्जैन की रहने वाली टेक्सटाइल डिजाइनर अपराजिता भी राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के बाहर आप की टोपियां बांट रही थीं। अपराजिता दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भी चुनाव प्रचार कर रही हैं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के निवासी और शेयर ब्रोकर प्रवीण जैन ने तो आम आदमी पार्टी को बकायदा 50 हजार रुपए चंदा दिया है और अपने दोस्त के साथ पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इनके दोस्त अवनिश शर्मा कनॉट प्लेस में और प्रवीण जैन अन्य क्षेत्रों में प्रचार कर रहे थे। इसी तरह दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में स्थित नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, फरीदाबाद, गुडग़ांव, रोहतक, रेवाड़ी के अलावा पंजाब से हजारों की तादाद में समर्थक दिल्ली में पहुंचे हैं।
शहीद डीएसपी के रिश्तेदार भी जुटे-
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 3 मार्च 2013 में शहीद हुए डीएसपी जियाउल हक के रिश्तेदार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जियाउल हक की मौसी के बेटे समीर अहमद देवरिया और कुशीनगर से 20 लोगों की टीम के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का प्रचार कर रहे हैं। समीर अहमद दिल्ली में रहने वाले देवरिया और कुशीनगर के लोगों के बीच झाड़ू पर बटन दबाने की अपील कर रहे हैं।

Monday 2 February 2015

देश के सबसे पुराने 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है BCE पटना

बिहार में शिक्षा के नए केन्द्र के बारे में नीतीश बाबु की कलम से,,,,
पटना, नीतीश कुमार (पूर्व मुख्यमंत्री बिहार)-
1 फरवरी 2015 को BCE-NIT पटना Alumni Association द्वारा आयोजित वार्षिक मिलन समारोह में NIT पटना से मुझे आमंत्रित किया गया। मेरी भी पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई। और इस अवसर पर आकर पुरानी यादें ताज़ा हो गईं, अपने सहपाठियों से मिलने का मौक़ा मिला। सीनियर्स, जूनियर्स और नये छात्र-छात्राओं से भी मिलने का मौक़ा मिला।
इस कॉलेज के विकास को देख बड़ी खुशी होती है। ये BCE पटना, देश के सबसे पुराने 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना एक नाम था, ख़ासकर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के क्षेत्र में। मुझे यह पता चला कि अब यहाँ अनेक नये विषयों की पढ़ाई से संबंधित निर्णय भी लिए गए हैं। ये भी बहुत प्रसन्नता की बात है। यह भी पता चला है कि नैनो टेक्नॉलजी के क्षेत्र में भी यहाँ काम शुरु होगा, और भी कई चीज़ें यहाँ स्थापित होंगी।
IIM PATNA-
किसी भी राज्य के विकास के लिए अच्छे संस्थानों का होना बहुत ज़रूरी है। और मुझे खुशी है कि बिहार में उत्कृष्ट संस्थानों के बनने का सिलसिला 2006 से शुरु हुआ जो जारी है। अब तो IIT पटना भी आ गया, जिसका हम सपना देखा करते थे, ये बातें अत्यंत खुशी देतीं हैं।
NEW INSTITUTES-
यहाँ अन्य कई अच्छे संस्थान भी बने - आर्यभट्ट नॉलेज युनिवर्सिटी, चाणक्या लॉ युनिवर्सिटी, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर इत्यादि। इनके अलावा अनेक मेडिकल कॉलेज, अनेक इंजीनियरिंग कॉलेज, हॉर्टिकल्चर तथा एग्रीकल्चर कॉलेज, NIFT आदि की भी स्थापना राज्य सरकार के द्वारा की गई। अब निजी क्षेत्र के लोग भी यहाँ कॉलेज स्थापित कर रहे हैं, और अब IIM भी आ रहा है। इन सब संस्थानों से ऊपर, जो हमारा गौरवशाली इतिहास है - नालंदा विश्वविद्यालय, उसे पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है और पहले बैच की पढ़ाई भी शुरु हो गई है।
अनुसंधान का भी मिले अवसर -
हमारे युवा पीढ़ी के लोगों को पढ़ने के लिए बिहार के बाहर जाना पड़ता है। दरअसल, इस देश के अन्य राज्यों में न जाने कितने कॉलेज हैं, जो बिहार के छात्र-छात्राओं की बदौलत चलते हैं। यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएँ हैं, और राज्य को भी विकास के विभिन्न कार्यों के लिए दक्ष लोगों की, इंजीनियरों की आवश्यकता है। मेरी अभिलाषा है कि बिहार में हर नई तकनीक तथा शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों पर काम हो और हमारी युवा पीढ़ी को ज्ञान यहीं प्राप्त हो तथा अनुसंधान का भी अवसर मिले।
हम उम्मीद करते हैं, और चाहते हैं कि NIT और भी आगे बढ़ता रहे तथा इसकी एक विशिष्ट पहचान स्थापित हो। इसके लिए जो भी हमारी भूमिका हो सकती है वो हम बेशक़ निभाएँगे।