लीवर ट्रांसप्लांट- असमान ब्लड ग्रुप वाले डोनर का भी लीवर हो जाएगा ट्रांसप्लांट
-दिल्ली के -आइएलबीएस में दो मरीजों का हुआ लीवर ट्रांसप्लांट
-एक मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
यदि आप लीवर के मरीज हैं और आपके ब्लड ग्रुप का डोनर नहीं मिल रहा है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब आपके शरीर में असमान ब्लड ग्रुप के डोनर से भी लीवर ट्रांसप्लांट हो सकता है। चिकित्सकों ने एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए असमान (भिन्न) ब्लड ग्रुप के डोनर से भी मरीज को लीवर ट्रांसप्लांट तकनीकी इजाद की है। दिल्ली में इसकी पहल शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार के यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) में हाल ही में दो मरीजों को बेमेल डोनर से लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है।
आइएलबीएस प्रशासन के मुताबिक असमान ब्लड ग्रुप के डोनर से दो मरीजों का लीवर प्रत्यारोपण किया गया है। एक मरीज को तीन सप्ताह पहले अस्पताल से छुट्टी दी गई है, जबकि दूसरा मरीज अभी भी अस्पताल में भर्ती है।
प्रत्यारोपण से पहले आवश्यक प्रक्रिया-
आइएलबीएस के मुख्य लीवर प्रत्यारोपण सर्जन डॉ.वी पामेचा के मुताबिक अस्पताल में पहली बार इस तकनीक से लीवर प्रत्यारोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले जांच करके यह देखा जाता है कि मरीज और डोनर के रक्त में कितनी भिन्नता है। फिर एक विशेष मशीन के जरिए मरीज के रक्त को साफ करके मरीज व डोनर के रक्त की गुणवत्ता को एक तरह किया जाता है। इसके बाद लीवर प्रत्यारोपण किया जाता है।
लीवर मरीजों के लिए वरदान-
चिकित्सा जगत के इस उपलब्धि से उन लीवर मरीजों को खासा लाभ होगा, जो डोनर के अभाव में दम तोड़ देते हैं। समय पर डोनर नहीं मिल पाने की वजह से अधिकांश मरीजों का लीवर ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता है। समान ब्लड ग्रुप का डोनर ढूंढने के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। नई तकनीक से डोनर ढूंढना आसान हो गया है।
ट्रांसप्लांट पर 15.50 लाख रुपए खर्च-
आइएलबीएस में लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को 11.50 लाख रुपए खर्च करना पड़ता है। नई तकनीक से लीवर ट्रांसप्लांट में 15.50 लाख रुपए अधिक खर्च होगा। इसके विपरीत निजी अस्पतालों में यह खर्च कुछ ज्यादा ही है। दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भी नई तकनीक से तीन मरीजों का लीवर ट्रांसप्लांट हो चुका है।