पीजी करने के बाद डॉक्टर बन जाएंगी नर्सें -ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी होगी दूर
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
देश में डॉक्टरों की कमी अब नर्सें पूरा करेंगी। ये नर्सें न केवल मरीजों की सेवा करेंगी, बल्कि मरीजों की नब्ज टटोलकर उसे दवा भी लिखेंगी और छोटे-मोटे ऑपरेशन को अंजाम भी देंगी। इस बाबत नर्स को दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करना होगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इस योजना को हरी झंडी दे दी। कोर्स को अगले सत्र से शुरू करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दे दिया गया है। नर्सिंग का बैचलर कोर्स करने वाली नर्सें इस कोर्स को करने के बाद प्रैक्टिस करेंगी। काउंसिल ने भी कोर्स को स्वीकृति दे दी है। सरकार के इस पहल से नर्सों को डॉक्टरों की तरह मरीजों के इलाज का कानूनी अधिकार प्राप्त हो जाएगा।
फिलहाल देश में नर्सिंग का कोर्स करने वाली नर्सें डॉक्टर की देखरेख में ही कार्य करती हैं। बता दें कि इस तरह की पहल पहले ही यूरोपियन देशों में शुरू हो गई है।
नर्स प्रैक्टिसनर के अधिकार-
-मरीज का इलाज, शारीरिक एवं मानसिक जांच कर सकती हैं
-मरीज की बीमारी का पता लगाने के लिए टेस्ट कराने का निर्देश दे सकती हैं
-दवा लिख सकती हैं
-मरीज को रेफर कर सकती हैं
-छोटे ऑपरेशन कर सकती हैं
मरीजों को लाभ-
सरकार के इस पहल से ग्रामीण अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो सकती है।
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