Friday 23 January 2015

DELHI- 21 सालों में भाजपा की मात्र दो महिलाओं ने लांघी विधानसभा की सीढिय़ां


-महिला अधिकार की बात करने वाली आप-कांग्रेस-भाजपा के खाते में महिला उम्मीदवारों का टोटा
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
आधी आबादी के अधिकारों की वकालत करने वाली दिल्ली की तीनों महत्वपूर्ण पार्टियों ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी बरती है। सड़क से लेकर संसद में शोर मचाने वाली इन पार्टियों (भाजपा, आप, कांग्रेस) ने दिल्ली की 70 सीटों पर उतारे गए 210 उम्मीदवारों में से मात्र 19 महिलाओं को ही शामिल किया है। खास बात यह है कि पिछले 21 सालों के दौरान भाजपा की मात्र दो महिलाओं (पूर्णिमा सेठी और सुष्मा स्वराज) ने ही जीत का परचम लहराया और विधानसभा की सीढिय़ां चढ़ सकीं।
भारतीय जनता पार्टी ने 70 सीटों में से 8 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। जो कि पिछले विधानसभा चुनाव के अपेक्षा 3 ज्यादा है। कृष्णा नगर से पूर्व आईपीएस अधिकारी और भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री की उम्मीदवार डॉ.किरन बेदी और पटेल नगर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ को छोड़कर अधिकांश महिला उम्मीदवार की औसतन उम्र 40 साल के करीब है। इन दोनों महिलाओं के अलावा प्रो.रजनी अब्बी, रेखा गुप्ता, नुपूर शर्मा, किरन वैद्य, नंदिनी शर्मा और सरिता चौधरी चुनाव लड़ रही हैं। ये सभी महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त हैं।
आप की 6 महिला उम्मीदवार-
महिलाओं की सुरक्षा का खुद को सबसे बड़ा पैरोकार बताने और पिछले दिनों इसी विषय पर तालकटोरा गार्डन में दिल्ली डायलॉग का आयोजन करने वाली अम आदमी पार्टी ने मात्र 6 महिलाओं को ही टिकट दिया है, जो कि नौ फीसदी से भी कम हैं। इनमें पार्टी ने पूर्व मंत्री राखी बिड़लान, प्रोमिला टोकस, सरिता सिंह, अल्का लांबा, वंदना झा और भावना गौड़ शामिल हैं। इनमें से अल्का लांबा पूर्व दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि पत्रकारिता की डिग्री हासिल करने वाली राखी बिड़लान पूर्व में मंत्री रह चुकी हैं। इन सभी महिलाओं की औसत उम्र 40 साल से कम है। हालांकि इस मामले में पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले विधानसभा क्षेत्र में भी उन्होंने 6 महिलाओं को टिकट दिया था और आप की महिला उम्मीदवारों को ही जीत हासिल हुई थी। 
कांग्रेस की महिला उम्मीदवार-
महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने सर्वाधिक कंजूसी बरती है। पार्टी ने मात्र 5 महिलाओं को ही चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें मुंडका से रीता शौकीन, शालीमार बाग से सुलेखा अग्रवाल, राजौरी गार्डन से मीनाक्षी चंदेला, नई दिल्ली से डॉ.किरन वालिया और ग्रेटर कैलाश से शर्मिष्ठा मुखर्जी शामिल हैं। राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के ग्रेटर कैलाश से चुनाव लडऩे की वजह से यह सीट अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इसके अलावा आप के स्टार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही पूर्व मंत्री डॉ.किरन वालिया के लिए भी चुनौती है।
वर्ष 2013 में चुनाव में महिलाओं की स्थिति-
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आप ने 17 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से केवल आप की तीन महिला उम्मीदवारों (राखी बिड़लान, वंदना झा और वीना आनंद) को ही जीत हासिल हुई थी। 
21 सालों में महिलाओं की जीत की सूची-
वर्ष            जीत
1993   -   कांग्रेस की 7 में 2, भाजपा की 4 में मात्र 1
1998   -   कांग्रेस की 10 में 8, भाजपा की 5 में मात्र 1
2003   -   कांग्रेस की 12 में 7, भाजपा की 6 में से सभी हार गईं
2008   -   कांग्रेस की 8 में 3, भाजपा की 4 में से सभी हार गईं
2013  -    केवल आप की 6 में 3 ने जीत हासिल की
महिला प्रत्याशियों की हिस्सेदारी-
वर्ष      कुल प्रत्याशी         -   महिला प्रत्याशियों की हिस्सेदारी
1993   - 1316             - 4.48 फीसदी
1998  -  815             - 6.9 फीसदी
2003  -  817             - 9.5 फीसदी
2008  -  875             - 9.3 फीसदी
2013  -  810             - 8.76 फीसदी
21 सालों में जीतने वाली महिलाएं-
वर्ष 1993-
कांग्रेस -
बलजीत नगर से कृष्णा तीरथ, मिंटो रोड से ताजदार बाबर,
भाजपा- कालकाजी से पूर्णिमा सेठी
वर्ष 1998 -
कांग्रेस- शीला दीक्षित, ताजदार बाबर, किरन चौधरी, सुशीला देवी, मीरा भारद्वाज, अंजली राय, दर्शना और कृष्णा तीरथ
भाजपा-हौज खास से सुष्मा स्वराज
वर्ष 2003 -
कांग्रेस - शीला दीक्षित, ताजदार बाबर, किरन वालिया, बरखा सिंह, मीरा भारद्वाज, अंजली राय और कृष्णा तीरथ
वर्ष 2008 -
कांग्रेस -
शीला दीक्षित, किरन वालिया, बरखा सिंह
वर्ष 2013 -
आम आदमी पार्टी- मंगोलपुरी से राखी बिड़लान, शालीमार बाग से वंदना कुमारी और पटेल नगर से वीना आनंद

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1 Comments:

At 24 January 2015 at 05:44 , Blogger taufique said...

interesting story

 

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