बीएचयू के लिए मालवीय जी ने किया हैदराबाद के निजाम का जूता नीलाम
बलिराम सिंह
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय जी को आज भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा पर बचपन में सुनी गई मालवीय जी से संबंधित दो बातें अनायास ही याद आ गईं। ये दोनों बातें विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित हैं। मालवीय जी ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अथक परिश्रम किया था और देश के कोने-कोने से चंदा इकट्ठा किया था।
1-जमीन के लिए रातभर चलें-
विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मालवीय जी काशी नरेश के पास गए थे और जमीन की मांग की थी। काशी नरेश ने कहा कि आप रातभर में जीतना चल देंगे, उतनी जमीन हम आप को दे देंगे। बस क्या था मालवीय जी पूरी रात चलते रहें और दूसरे दिन पंडीत जी को काशी नरेश ने उतनी जमीन दान कर दी।
2-हैदराबाद के निजाम का जूता नीलाम-
विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मालवीय जी हैदराबाद के निजाम के दरबार में भी गए थे। यह घटना काफी रोचक है। निजाम ने मालवीय जी को विश्वविद्यालय के लिए चंदा देने से इंकार कर दिया था। लेकिन कहा जाता है कि पंडित जी के जिद करने पर निजाम ने अपना जूता दे दिया। कुछ लोग यहां तक कहते हैं कि निजाम ने पंडित जी पर जूता चलाकर फेंका था, लेकिन अत्यधिक संयमित मालवीय जी ने जूता को लेकर चल दिया और हैदराबाद के चौराहे पर निजाम के जूते की नीलामी शुरू कर दी। निजाम को घटना की जानकारी मिली तो फौरन विश्वविद्यालय के लिए चंदा दिया और अपना जूता वापस मंगाया।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, एक नजर-
स्थापना-1916
खासियत- एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी
छात्रों की क्षमता-20 हजार
श्रेत्रफल-1300 एकड़
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