Saturday 6 December 2014

गरीब मरीजों के इलाज के प्रति उदासिन हुआ स्वास्थ्य मंत्रालय


-एम्स, सफदरजंग, आरएमएल सहित तीन अस्पतालों में गरीब मरीजों को मिलने वाली धनराशि में गिरावट
-तीन सालों में राष्ट्रीय आरोग्य निधि में 80 लाख रुपए की आई कमी
बलिराम सिंह, नई दिल्ली

देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर गरीब मरीजों को मिलने वाले आर्थिक मदद में कमी आ गई है। पिछले तीन वर्षों के दौरान दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत मिलने वाली धनराशि में गिरावट दर्ज की गई है, जो कि चिंताजनक है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा पार्लियामेंट में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल और डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को राट्रीय आरोग्य निधि के तहत दी जा रही आर्थिक मदद में तीन सालों के दौरान 80 लाख रुपए की कमी आई है। वर्ष 2011-12 के दौरान इन तीनों अस्पतालों को इस निधि के तहत 290 लाख रुपए दिए गए। इसी तरह वर्ष 2012-13 में 265 लाख रुपए, वर्ष 2013-14 में 210 लाख रुपए दिए गए। इसके अलावा वर्ष 2014-15 में 30 नवंबर तक इस निधि के एम्स और लोहिया अस्पताल को मात्र 110 लाख रुपए दिए गए।
इसी तरह वर्ष 2011-12 में राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि के तहत भारतीय रोटरी कैंसर संस्थान (एम्स) को मात्र 20 लाख रुपए दिए गए। खास बात यह है कि वर्ष 2012-13 और 2013-14 में संस्थान को एक भी पैसा नहीं मिला। हालांकि इस मामले में एम्स के प्रवक्ता डॉ.अमित गुप्ता का कहना है कि वह इस मामले में संस्थान के अकाउंट ऑफिसर से बात करने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
पूर्व मंत्री की दलील-
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन का कहना है कि किसी भी गरीब मरीज को राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत आर्थिक सहयोग करने का विशेषाधिकार केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पास होता है। मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के पास चुनावी प्रचार में व्यस्त होने की वजह से इस गंभीर मामले पर ध्यान देने के लिए समय नहीं है।
आंकड़ें-
वर्ष 2011-12-
एम्स-160 लाख रुपए
सफदरजंग अस्पताल-80 लाख रुपए
डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल-50 लाख रुपए
वर्ष 2012-13-
एम्स- 160 लाख रुपए
सफदरजंग अस्पताल-80 लाख रुपए
लोहिया अस्पताल-25 लाख रुपए
वर्ष 2013-14-
एम्स- 140 लाख रुपए
सफदरजंग अस्पताल-60 लाख रुपए
लोहिया अस्पताल- 10 लाख रुपए
वर्ष 2014-15- (30 नवंबर तक)-
एम्स-100 लाख रुपए
लोहिया अस्पताल - 10 लाख रुपए

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