भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
तलाश भोजपुरी भाषायी अस्मिता की पुस्तक का विमोचन
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग एक बार फिर जोर पकडऩे लगी है। मंगलवार को भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे द्वारा लिखित पुस्तक तलाश भोजपुरी भाषायी अस्मिता की, के विमोचन अवसर कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ लोगों ने यह आवाज उठाई। पुस्तक का विमोचन पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.भीष्म नारायण सिंह की अध्यक्षता में तथा सांसद शत्रध्न सिन्हा, जगदंबिका पाल और सांसद मनोज तिवारी और वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय की उपस्थिती में किया गया।
इस कार्यक्रम में भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता के मुद्दे पर खुलकर बातें हुईं तथा सरकार से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द अपेक्षित कार्रवाई की जाने की मांग की गई। बता दें कि मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष अजीत दुबे की यह पुस्तक भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के अभियान के विशेष संदर्भ में ही लिखी गई है।
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग एक बार फिर जोर पकडऩे लगी है। मंगलवार को भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे द्वारा लिखित पुस्तक तलाश भोजपुरी भाषायी अस्मिता की, के विमोचन अवसर कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ लोगों ने यह आवाज उठाई। पुस्तक का विमोचन पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.भीष्म नारायण सिंह की अध्यक्षता में तथा सांसद शत्रध्न सिन्हा, जगदंबिका पाल और सांसद मनोज तिवारी और वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय की उपस्थिती में किया गया।
इस कार्यक्रम में भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता के मुद्दे पर खुलकर बातें हुईं तथा सरकार से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द अपेक्षित कार्रवाई की जाने की मांग की गई। बता दें कि मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष अजीत दुबे की यह पुस्तक भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के अभियान के विशेष संदर्भ में ही लिखी गई है।
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home