नदियों के बीच स्थित चट्टानों का भी होगा संरक्षण
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
भारत की नदियों में छोटी
पथरीली चट्टानों का भी प्रबंधन किया जाएगा। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा
संरक्षण मंत्रालय की ओर से भारत की नदियों में छोटी पथरीली चट्टानों के प्रबंधन को
लेकर 17 मार्च 2017 को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। National Seminar on Sediment Management in Indian Rivers
एक दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन में एनजीआरबीए के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. एम.ए. चिताले, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विनोद तरे, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के.गोसेन, पुणे स्थित सीडब्ल्यूपीआरएस के निदेशक डॉ. एम. के. सिन्हा सहित कई विशेषज्ञ शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती करेंगी।
एक दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन में एनजीआरबीए के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. एम.ए. चिताले, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विनोद तरे, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के.गोसेन, पुणे स्थित सीडब्ल्यूपीआरएस के निदेशक डॉ. एम. के. सिन्हा सहित कई विशेषज्ञ शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती करेंगी।
बता दें कि केन्द्रीय जल संसाधन,
नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने भारतीय नदियों में छोटी पथरीली चट्टानों
के प्रबंधन के विषय में तुरंत प्रभाव से व्यापक कार्य नीति बनाने की आवश्यकता पर पहले
ही बल दिया था। ऐसे में मंत्रालय का मानना है कि इस तरह की किसी भी नीति को संबंधित
हितधारकों के साथ गहन परामर्श एवं व्यापक चिंतन के बाद ही विकसित किया जा सकता है।
नदियों में
छोटी पथरीली चट्टानों के प्रबंधन को लेकर एक व्यापक नीति तैयार करने की आवश्यकता को
नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। दरअसल बाढ़, पर्यावरण, नदी की स्थिति एवं जल परिवहन आदि
पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ते हैं।Labels: Ministry of Water Resources, National Seminar, River Development and Ganga Rejuvenation, Sediment Management
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