Wednesday 22 February 2017

मुख्तार से सपा को नुकसान तो कमल के खिलने की उम्मीद

बलिराम सिंह, नई दिल्ली  
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के हाथी की सवारी से कमल पर तो कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है, अलबत्ता साइकिल की सवारी पर जरूर प्रतिकूल असर पड़ेगा। चूंकि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2012 में पूर्वांचल की 95 सीटों पर मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल और सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां दो विपरीत दलों के साथ चुनावी अखाड़े में जोर-आजमाइश कर रही हैं।
मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बहुजन समाज पार्टी में विलय हो गया है तो दूसरी तरफ सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ कमल को खिलाने की तैयारी में जुड़ गई है। अलबता यहां कुछ मुस्लिम वोट जरूर बंटेगा। समाजवादी के परंपरागत मुस्लिम मतदाता बसपा की ओर रूख करेंगे। इसके अलावा हिन्दू मतों के धुव्रीकरण की भी आशंका है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के उम्मीदवारों को मिले वोटों पर नजर डालें तो ज्ञात होता है कि दोनों दलांे को कुल 9 लाख के करीब वोट मिले थें। इनमें से सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी को मुख्तार अंसारी की पार्टी के अपेक्षा 60 हजार ज्यादा (477330 वोट) वोट मिले थें।
पूर्वांचल में बसपा-भाजपा होंगी मजबूत-
पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को भारी वोट मिले थे, लेकिन इस बार मुख्तार अंसारी के बसपा में शामिल होने से इस क्षेत्र का अधिकांश मुस्लिम मतदाता बसपा की ओर जाएगा। लेकिन दूसरी ओर सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के भाजपा के साथ जाने से कमल की चमक तेज होगी। बता दें कि चार महीने पहले ही मऊ जिले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी की रैली को संबोधित भी कर चुके हैं। इस गठबंधन से पूर्वांचल में भाजपा मजबूत हुई है। नॉन यादव अति पिछड़ी जातियां भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाएंगी। कौमी एकता दल और सुहलदेव भारत समाज पार्टी के अधिकांश मतदाता पूर्वांचल से संबंधित हैं।
कौमी एकता दल-
माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की इस पार्टी का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, वाराणसी और बलिया में हैं। पिछले चुनाव में इस पार्टी से दो विधायक (मऊ से मुख्तार अंसारी और दूसरी सीट मोहम्मदाबाद ) चुने गए।  
वर्ष 2012 में पार्टी का प्रदर्शन –
जीती सीट-   2,
कुल वोट मिले- 417552
मऊ, आजमगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया की 17 सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन –
40000 से ज्यादा वोट मिलें- 4 सीटों पर
30 हजार से 40 हजार के बीच वोट मिले- 2 सीटों पर
20 हजार से 30 हजार के बीच मिले वोट- 2 सीटों पर
5 हजार से 10 हजार के बीच वोट मिले- 2 सीटों पर
5 हजार से कम वोट मिले- 7 सीटों पर
सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी-
बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता ओमप्रकाश राजभर ने इस पार्टी की स्थापना की। मुख्यत: अति पिछड़ी जाति से समुदाय रखने वाले राजभर समाज के लोगों पर इस पार्टी की पकड़ है। यह समाज पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, बलिया, गाजीपुर और वाराणसी इत्यादि जिलों में काफी तादाद में है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन-
जीत हासिल – 0 सीट
चुनाव लड़ी – 52 सीटों पर
कुल वोट मिलें- 477330
पूर्वांचल के पांच जिलों (मऊ, आजमगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया की 16 सीटों पर) में पार्टी का 2012 में प्रदर्शन-
40 हजार से ज्यादा मिले वोट- 0 सीट
30 हजार से 40 हजार के बीच मिले वोट- 2 सीट
20 हजार से 30 हजार के बीच मिले वोट- 6 सीटें
10 हजार से 20 हजार के बीच मिले वोट-1 सीटें
 हजार से 10 हजार के बीच मिले वोट- 5 सीटें
5 हजार से कम मिले वोट-2 सीटें

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