मिर्जापुर-क्या बेटी ला पाएगी पिता का सम्मान!
बलिराम सिंह
कभी अपना दल से चुनावी जंग जीतने वाले सुरेन्द्र सिंह पटेल आज समाजवादी पार्टी के रथ पर सवार हैं। सुरेन्द्र सिंह पटेल वर्तमान में यूपी सरकार में लोक निर्माण राज्य मंत्री हैं और लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इनके खिलाफ अपना दल की राष्ट्रीय महासचिव और वाराणसी से विधायक अनुप्रिया पटेल भाजपा गठबंधन की ओर से ताल ठोकेंगी।
वाराणसी, आजमगढ़ के अलावा मिर्जापुर सीट भी हॉट हो गई है। यहां से कांग्रेस की ओर से ललितेशपति त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं। ललितेपशपति त्रिपाठी पर स्वर्गीय कमलापति त्रिपाठी के विरासत को आगे बढ़ाने का दबाव है।
अनुप्रिया बनाम सुरेन्द्र सिंह पटेल-
कुर्मी बहुल इस सीट पर राजनीतिक पंडितों की नजर अनुप्रिया बनाम सुरेन्द्र सिंह पटेल पर टिकी है। बता दें कि सुरेन्द्र सिंह पटेल सबसे पहले अपना दल से विधायक बनें थे। लेकिन मायावती की सरकार गठन के बाद इन्होंने पाला बदल लिया था। लेकिन सत्ता के साथ-साथ सुरेन्द्र सिंह खुद को बदलते रहे और बाद में सपा का दामन थाम लिया और अपनी जीत को लगातार जारी रखे हुए हैं। दूसरी ओर पिता के गुजरने के बाद पार्टी को नयी दिशा दे रही उनकी पुत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी को यूपी में दो सीटें मिर्जापुर और प्रतापगढ़ मिली हैं। मजे की बात यह है कि अनुप्रिया ने खुद मिर्जापुर से चुनाव लडऩे का फैसला किया है।
अब देखना यह है कि सुरेन्द्र सिंह अपनी जीत को जारी रखते हैं या पिता का साथ छोडक़र जाने वाले सुरेन्द्र सिंह पटेल को अनुप्रिया पटेल चुनावी शिकस्त दे पाती हैं। ये आने वाला वक्त बताएगा। वैसे एक अंदर की बात यह भी है कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यख ओमप्रकाश सिंह और उनके समर्थक भी मिर्जापुर को अपना दल के खाते में दिए जाने से नाराज हैं।
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