Saturday 22 March 2014

आजमगढ़ में शुरू हो गया साम-दाम-दंड का इस्तेमाल--- -पांच दिन में भाजपा के दो पूर्व विधायक सपा में शामिल




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नरेन्द्र मोदी के गुजरात से वाराणसी का रूख करने से स्थानीय विपक्षी पार्टियों के कार्यकत्र्ताओं में निराशा तो व्याप्त हैं, लेकिन इसके विपरीत सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के आजमगढ़ से चुनाव लडऩे का फैसला करते ही स्थानीय भाजपा में हलचल मच गई है। महज पांच दिनों के अंदर पार्टी के दो पूर्व विधायक भाजपा छोडक़र सपा का दामन थाम चुके हैं। आजमगढ़ में इन दिनों जबरदस्त अफवाह का माहौल गरम हो गया है।
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार नरेन्द्र मोदी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव लडऩे से पूर्वांचल के कार्यकत्र्ताओं में जबरदस्त जोश है और अन्य दलों के कार्यकत्र्ता हताश नजर आ रहे हैं। लेकिन जहां तक आजमगढ़ का सवाल है तो वहां पर इन दिनों माहौल इस कदर गरम हो गया है कि विपक्षी दलों के कार्यकत्र्ता किसी भी अनहोनी से सहमे हुए हैं। फतह हासिल करने के लिए इन दिनों यहां पर साम, दाम, दंड सभी तरह की नीतियां अपनायी जा रही हैं। अनेक विपक्षी नेताओं को अपने पाले में करने के लिए प्रलोभन से लेकर अन्य नीतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्थिति ऐसी हो गई है कि खुद भाजपा के मौजूदा सांसद एवं उम्मीदवार रामाकांत यादव को प्रेस कांफ्रेस के जरिए सफाई देनी पड़ी कि वह भाजपा में ही रहेंगे। उधर, पार्टी के पूर्व विधायक राम दर्शन यादव और पूर्व विधायक कल्पनाथ पासवान महज पांच दिन के अंदर सपा में शामिल हो गए हैं। खास बात यह है कि भाजपा की सूची जारी होने से पूर्व राम दर्शन यादव घोसी संसदीय क्षेत्र से टिकट की दावेदारी के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए थे। स्थानीय नेताओं की अपील है कि आला कमान को आजमगढ़ की स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पार्टी को यदि आजमगढ़ और आसपास की सीटों पर जीत हासिल करनी है तो गैर यादव अन्य पिछड़ी जातियों को पार्टी के पाले में करना जरूरी है।
क्या कहते हैं भाजपा नेता-
सगड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता घनश्याम पटेल कहते हैं कि इन दिनों आजमगढ़ में अफवाहों का बाजार गरम है। यहां पर भाजपा के सम्मान की बात हैं और हमलोग पूरी निष्ठा से मुलायम सिंह को टक्कर देंगे।
जातीय आंकड़े-
सवर्ण- 3.5 लाख
यादव- 3   लाख
मुस्लिम-2.5 लाख
हरिजन-3.5 लाख के करीब
अन्य एससी जाति-1.25 लाख (सोनकर-पासवान)
अन्य पिछड़ी जाति-4.5 लाख (सवा लाख कुर्मि, 65 हजार कोइरी, चौहार, राजभर व अन्य )

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