Thursday 20 March 2014

युवा तुर्क की राजनीतिक विरासत संभालने को परिवार में रस्साकसी


युवा तुर्क चन्द्रशेखर की राजनीतिक विरासत संभालने को लेकर इन दिनों परिवार में खूब रस्साकसी चल रही है। युवा तुर्क के कनिष्ठ पुत्र नीरज शेखर फिलहाल बलिया संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद हैं और तीसरी जीत के लिए इन दिनों खूब जतन कर रहे हैं।
तो ज्येष्ठ पुत्र पंकज शेखर महज ने कुछ महीने पहले भाजपा का दामन थामा है और राजनीतिक मिजाज जानने के लिए सलेमपुर संसदीय क्षेत्र (बलिया-देवरिया) का बड़े पैमाने पर दौरा किया और सलेमपुर से टिकट के लिए खूब दौड़-धूप की। लेकिन पार्टी ज्वाइन करते ही स्थानीय कार्यकत्र्ताओं ने पंकज शेखर का विरोध शुरू कर दिया। खास बात यह है कि युवा तुर्क का पैतृक निवास इब्राहिम पट्टी भी सलेमपुर क्षेत्र में आता है। यहां से चन्द्रशेखर के भतीजे (रविशंकर सिंह) भी बसपा टिकट पर सलेमपुर से चुनाव मैदान में हैं। रविशंकर सिंह की पूर्वांचल में दबंग किस्म की छवि है।
यानी की परिवार के तीन सदस्य तीन दलों के जरिए खुद को युवा तुर्क का सबसे बड़ा झंडाबरदार साबित करने में लगा है। अब देखना यह है कि इन तीनों चेहरों में से कौन लंबी राजनीतिक पारी खेलता है।
सलेमपुर की स्थिति-
राजभर और कुशवाहा के अलावा आरक्षित वर्ग के मतदाताओं की संख्या यहां पर ज्यादा है। पिछले तीस वर्षों में यहां से कुशवाहा प्रत्याशी को जीत का स्वाद ज्यादा चखने को मिला। यहां से  कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे भोला पाण्डेय को और भाजपा ने पूर्व सांसद हरिकेवल कुशवाहा के बेटे रविन्द्र कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है।
कुछ उत्साही युवक कर रहे हैं कुशवाहा का विरोध-
लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर भाजपा के नाराज कार्यकत्र्ता सलेमपुर में भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये कार्यकत्र्ता पंकज शेखर को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन राजनीतिक पंडितों की माने तो यदि पंकज शेखर को भाजपा टिकट देती है तो पप्पू सिंह जीत जाएंगे। और इसी मुद्दे को लेकर भाजपा के स्थानीय नेता प्रमोद सिंह राजपूत ने पंकज शेखर का विरोध किया था। प्रमोद सिंह ने खुलेआम कहा था कि यदि पंकज शेखर को टिकट दिया जाता है तो भाजपा सलेमपुर में चुनाव हार सकती है।

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