Monday 24 March 2014

आजमगढ़- अमर सिंह के लिए उपजाऊ नहीं है उनका पैतृक क्षेत्र


बलिराम सिंह
खुद को मीडिया के सामने ठाकुरों का हितैषी बताने वाले और सदैव चकाचौंध में रहने वाले ठाकुर अमर सिंह के लिए खुद उनका पैतृक क्षेत्र आजमगढ़ उनके लिए बंजर है। लक्ष्मी के धनी अमर सिंह से पूर्वांचल की प्रजा दूर है।
पिछले दिनों राष्ट्रीय लोक दल में शामिल होने के बाद अमर सिंह ने कहा था कि जाट और ठाकुर स्वाभिमान की लड़ाई लड़ते हैं और मैंने पूर्वांचल के विकास के लिए वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव से पहले 1000 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।
लेकिन वर्ष 2012 विधान सभा चुनाव पर नजर डालें तो अमर सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच वोट प्राप्ति में हजार का आंकड़ा पार करने को तरस गई। चूंकि आजमगढ़ जिला अमर सिंह का पैतृक क्षेत्र है और आजमगढ़ सदर की पांच सीटों पर नजर डालें तो इनके पांच उम्मीदवारों को मुश्किल से कुल 6000 वोट मिले थे। हालांकि  यहां पर राजपूतों की संख्या एक लाख के करीब है।
अमर सिंह के मुख्य कोट्स-
वर्ष 2007 से पहले मुलायम सरकार के दौरान-
यूपी पुलिस में सर्वाधिक यादवों की भर्ती मामले में अमर सिंह ने कहा था कि शारीरिक तौर पर यादव वर्ग मजबूत होते हैं।
अब अजीत सिंह के साथ जाने पर-
जाट और राजपूत स्वाभिमान की लड़ाई लड़ते हैं।
राजपूतों नेताओं के प्रति अमर सिंह के बोल-
-समाजवादी नेता मोहन सिंह के बारे में अमर सिंह ने कहा था कि उनके इलाज में हमने पैसा लगाया।
-पुलिस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह को अमर सिंह की वजह से नौकरी छोडक़र राजनीति में आना पड़ा। हालांकि अभी तक शैलेन्द्र सिंह को सफलता नहीं मिली।
वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की पांच विधानसभा क्षेत्रों में राष्ट्रीय लोकमंच को मिले वोट-
सगड़ी               - 641
मुबाकर पुर          - 728
मेहनगर              -  1813
गोपालपुर            -    755
आजमगढ़ सदर     -   2486

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