Tuesday 25 March 2014

वाराणसी-अपना दल से गठबंधन के बाद, मोदी की जीत पक्की

  -माया हो या मुलायम या हों केजरीवाल,मोदी की जीत पक्की
बलिराम सिंह
अब तो वाराणसी से आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल या सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह अथवा बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जैसी कोई भी दिग्गज चुनाव लड़े, जीत तो नरेन्द्र मोदी की ही होगी। मोदी की यह जीत ऐतिहासिक हो सकती है। वाराणसी में भाजपा को मुख्य टक्कर देने वाली क्षेत्रीय पार्टी अपना दल का भाजपा से गठबंधन हो गया है। अपना दल पूर्वांचल की दो सीटों मिर्जापुर और प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ेगी और अन्य सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।
चूंकि अपना दल को कुर्मी जाति की पार्टी कहा जाता है, लेकिन पिछले 15 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस पार्टी को केवल वाराणसी से लेकर इलाहाबाद-सुल्तानपुर जैसे सामंतवादी क्षेत्रों में ही कुर्मी जाति के वोट मिले। अवध क्षेत्र के कुर्मी बिरादरी का अपना दल को वोट नहीं मिला। हालांकि इस जाति के लोगों की आबादी बरेली से लेकर बिहार तक फैली हुई है। और मुख्यत: सभी राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय पार्टियों में इस समाज के नेताओं (विनय कटियार, नीतिश कुमार, बेनी प्रसाद वर्मा, लालजी वर्मा, अनुप्रिया पटेल, ओमप्रकाश सिंह, आरपीएन सिंह इत्यादि) की भरमार है।
वाराणसी व इलाहाबाद मंडल में कई प्रत्याशियों को नुकसान-
अपना दल को पिछले 15 सालों के दौरान चुनाव में कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन इसकी वजह से कई नेताओं को नुकसान उठाना पड़ा। वाराणसी और इलाहाबाद क्षेत्र में तो पार्टी को काफी तादाद में वोट भी मिले हैं।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की सातों सीटों पर भाजपा और अपना दल को मिले वोटों पर नजर डालें तो भाजपा को अपना दल से केवल 65 हजार ज्यादा वोट मिले थे। यहां पर भाजपा को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा एक सीट पर तीसरे स्थान पर, एक पर चौथे स्थान, एक पर पांचवें स्थान और एक पर छठें स्थान पर रही। पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को महज 3326 वोट मिले थे।
भाजपा के अलावा एक सीट पर बसपा, एक पर कांग्रेस, एक पर सपा और एक पर अपना दल को जीत हासिल हुई थी। सपा से जीतने वाला प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह पटेल भी कुर्मी समाज से हैं और वर्तमान में लोक निर्माण राज्य मंत्री हैं।
वाराणसी में अपना दल की स्थिति-       
रोहनिया सीट से पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री अनुप्रिया पटेल को जीत हासिल हुई। इसके अलावा सेवापुरी में दूसरे स्थान पर, पिंडरा में तीसरे स्थान पर और अजगरा सुरक्षित सीट पर चौथे स्थान पर रही। सेवापुरी से कुल प्रत्याशियों में लगभग आधे प्रत्याशी कुर्मी समाज से थे।
भाजपा से ज्यादा वोट पाकर भी सपा-बसपा फीसड्डी-
खास बात यह है कि वाराणसी की सातों सीटों पर सपा और बसपा को भाजपा से लगभग 30 हजार वोट ज्यादा मिले। बावजूद इसके इन दोनों महत्वपूर्ण पार्टियों को महज एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।
जातीय आंकड़े-
शहरी क्षेत्र में ब्राह्मण, बनिया के अलावा अन्य समाज की संख्या बहुतायत है तो ग्रामीण क्षेत्र में कुर्मी जाति का बोलबाला है। इसके अलावा आरक्षित आबादी भी काफी तादाद में हैं।
भाजपा को मिले कुल वोट- 218262
अपना दल को मिले कुल वोट-153585
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दोनों दलों की विधानसभा वार मिले वोटों की स्थिति-
विधानसभा           -     भाजपा               -   अपना दल
कैंट                 -  57918                   -    1800
नार्थ                -   47980                  - 
दक्षिणी            -    57868                  -
अजगरा          -     22855                 -      16563
पिंडरा            -       3326                 -       40468
सेवापुरी         -        9811                -      36942
रोहनिया        -     18504                 -       57812
कुल           -   218262                   -    153585

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