Tuesday, 29 April 2014

तो क्या अब काशी नरेश को भी लग गया जाति का रोग!


बलिराम सिंह
वैसे तो अब तक काशी नरेश पूर्वांचल सहित देश में जाति से ऊपर माने जाते थे, लेकिन एक पत्रकार महोदय की माने तो काशी नरेश भी जाति विशेष के होकर रह गए है। एक पत्रकार ने लिखा है कि काशी नरेश वाराणसी के कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि काशी नरेश भूमिहार जाति से हैं और अजय राय भी उन्हीं की जाति से संबंध रखते हैं। उन्होंने खबर में लिखा है कि भाजपा नेताओं ने उनसे मोदी के पक्ष में प्रचार करने की अपील की थी, लेकिन काशी नरेश ने मना कर दिया।
मुझे पत्रकार महोदय के इस लेख पर बहुत अफसोस हो रहा है। ऐसा लगता है कि पत्रकार महोदय को काशी नरेश के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए उन्होंने इस तरह का आरोप लगाया है। मैं मानता हूं कि पूर्वांचल की राजनीति में जाति की विशेष भूमिका होती है, लेकिन काशी नरेश के प्रति मेरी आज भी श्रद्धा है। मेरा मानना है कि यह श्रद्धा अमूमन पूर्वांचल के सभी वर्गों का है। क्योंकि काशी नरेश अमूमन किसी एक पार्टी विशेष से जुडऩे से परहेज करते हैं। वैसे इन पत्रकार महोदय का लेख ऐसे अखबार में छपता है जिसके मालिक हरियाणा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

Saturday, 19 April 2014

कांग्रेस का नकारापन, सपा का तुष्टिकरण-बसपा की हठधर्मिता से भाजपा सत्ता के करीब!


बलिराम सिंह
कांग्रेस का नकारापन, सपा का तुष्टिकरण और बसपा की हठधर्मिता ही भाजपा को एक बार फिर सत्ता के करीब ला रहे हैं। यूपी से लेकर केन्द्र तक भाजपा गठबंधन का शासन रहा। बावजूद इसके इंडिया शाइनिंग का ढिंढोरा वर्ष 2004 में जनता को रास नहीं आया और एनडीए धाराशाही हो गई।
यदि यूपी में भाजपा के शासन को देखा जाए तो कल्याण सिंह की एसटीएफ गठन और कानून-व्यवस्था को छोडक़र अन्य कोई उपलब्धि नजर नहीं आती है। इसी तरह एनडीए के शासन के बावजूद यूपी की समस्याएं कम नहीं हुईं और आज इस राज्य में समस्याएं कुछ ज्यादा ही मुंह बाए खड़ी हुई है। इन सबके बावजूद आज एक बार फिर भाजपा सत्ता के करीब नजर आ रही है। भाजपा के करीब सवर्ण से  लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग भी एक बार फिर नजदीक आ गया है।
यूपी का पश्चिम हो या पूरब का इलाका, हर जगह केसरिया का परचम लहराने के लिए एक बार फिर जनता में उतावलापन है। यूपी की गलियों में घूमने पर नजर यही आता है कि यूपी की जनता कांग्रेस, सपा, बसपा से उब गई है।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी से कांग्रेस के लगभग 20 सांसद चुने गए। इनमें से चार सांसदों को केन्द्रीय मंत्री का तोहफा भी दिया गया। इनके अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चुने गए हैं। बावजूद इसके यूपी में विकास का नजर केवल नोएडा, गाजियाबाद में ही नजर आता है। इसी तरह सपा की तुष्टिकरण और समाज के विशेष वर्ग को ही खास तवज्जो देना भी जनता को नागवार गुजर रहा है। बसपा सुप्रीमो की हठधर्मिता से भी लोगों में खासा नाराज है। बसपा सुप्रीमो की सामाजिक इंजीनियरिंग के कैलकुलेशन में पिछड़ावर्ग बसपा से छिंटक गया है।

Thursday, 3 April 2014

काशी में केजरीवाल के खिलाफ चलेगा ‘पोल खोल अभियान’


बलिराम सिंह
आम आदमी पार्टी के बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी 11 अप्रैल से धर्म नगरी वाराणसी में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ‘पोल खोल अभियान’ चलाएंगे। फिलहाल बिन्नी पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ यह अभियान चला रहे हैं।
बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी का कहना है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद वह काशी जाएंगे और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ‘पोल खोल अभियान’ की शुरूआत करेंगे। बिन्नी का कहना है कि वह लोकसभा चुनाव तक वाराणसी में ही डेरा डालेंगे। इस दौरान वह वाराणसी की जनता की नब्ज टटोलेंगे और पूछेंगे कि क्या वह वाराणसी से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे। यदि जनता का समर्थन मिलेगा तो बिन्नी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
15 दिनों से चल रहा है पोल खो अभियान-
विनोद कुमार बिन्नी पिछले 15 दिनों से पूर्वी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ ‘पोल खोल अभियान’ चला रहे हैं। बिन्नी रोजाना दिन में दो स्थानों पर बैठक करते हैं और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की गलत नीतियों से आम जनता को अवगत कराते हैं। बिन्नी दलील देते हैं कि पार्टी अपने मूल मुद्दे से भटक गई है और पार्टी में महज कुछ लोगों की मनमानी चल रही है। गुरुवार को बिन्नी ने पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर और त्रिलोक पुरी क्षेत्र में ‘पोल खोल अभियान’ चलाया।

Wednesday, 2 April 2014

मीडिया की वजह से टूटी नीतिश-शिवानंद तिवारी की जोड़ी


बलिराम सिंह
मीडिया की वजह से नीतिश और शिवानंद तिवारी की जोड़ी टूटी है। जी हां, ये बयान खुद शिवानंद तिवारी का है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रो.आनंद कुमार के चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली में आए शिवानंद तिवारी से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही।
शिवानंद तिवारी से जब मैने पूछा कि आप तो मोदीराग अलाप रहे थे। फिर ये चमात्कार कैसे हो गया कि आप आपमय हो गये। फिर क्या था झल्लाते हुए तिवारी जी ने कहा कि ये सब मीडिया की देन है। मैने तो अपनी पार्टी (जनता दल यूनाइटेड) को मोदी को लेकर सचेत किया था कि मोदी आरएसएस का आदमी है और प्रतिद्वंदी ज्यादा होशियार है। ऐसे में हमें उसे कम नहीं आंकना चाहिए, लेकिन मीडिया ने सबकुछ उलटा कर दिया।
फिलहाल शिवानंद तिवारी आम आदमी पार्टी के तीन नेताओं (प्रो आनंद कुमार, योगेन्द्र यादव और अरविंद केजरीवाल) के लिए प्रचार कार्य में जुटे हुए हैं।