कांग्रेस का नकारापन, सपा का तुष्टिकरण-बसपा की हठधर्मिता से भाजपा सत्ता के करीब!
बलिराम सिंह
कांग्रेस का नकारापन, सपा का तुष्टिकरण और बसपा की हठधर्मिता ही भाजपा को एक बार फिर सत्ता के करीब ला रहे हैं। यूपी से लेकर केन्द्र तक भाजपा गठबंधन का शासन रहा। बावजूद इसके इंडिया शाइनिंग का ढिंढोरा वर्ष 2004 में जनता को रास नहीं आया और एनडीए धाराशाही हो गई।
यदि यूपी में भाजपा के शासन को देखा जाए तो कल्याण सिंह की एसटीएफ गठन और कानून-व्यवस्था को छोडक़र अन्य कोई उपलब्धि नजर नहीं आती है। इसी तरह एनडीए के शासन के बावजूद यूपी की समस्याएं कम नहीं हुईं और आज इस राज्य में समस्याएं कुछ ज्यादा ही मुंह बाए खड़ी हुई है। इन सबके बावजूद आज एक बार फिर भाजपा सत्ता के करीब नजर आ रही है। भाजपा के करीब सवर्ण से लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग भी एक बार फिर नजदीक आ गया है।
यूपी का पश्चिम हो या पूरब का इलाका, हर जगह केसरिया का परचम लहराने के लिए एक बार फिर जनता में उतावलापन है। यूपी की गलियों में घूमने पर नजर यही आता है कि यूपी की जनता कांग्रेस, सपा, बसपा से उब गई है।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी से कांग्रेस के लगभग 20 सांसद चुने गए। इनमें से चार सांसदों को केन्द्रीय मंत्री का तोहफा भी दिया गया। इनके अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चुने गए हैं। बावजूद इसके यूपी में विकास का नजर केवल नोएडा, गाजियाबाद में ही नजर आता है। इसी तरह सपा की तुष्टिकरण और समाज के विशेष वर्ग को ही खास तवज्जो देना भी जनता को नागवार गुजर रहा है। बसपा सुप्रीमो की हठधर्मिता से भी लोगों में खासा नाराज है। बसपा सुप्रीमो की सामाजिक इंजीनियरिंग के कैलकुलेशन में पिछड़ावर्ग बसपा से छिंटक गया है।
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