Tuesday, 15 November 2016

#ExchangeCurrency 38 सालों में बदल गया भारत, 1978 के नोटबंदी से मत कीजिए तुलना



वर्ष 1978 और 2016 के फैसलों के अंतर को आप मात्र इस एक छोटे उदाहरण से समझ सकते हैं। वर्ष 1978 में एक मजदूर की महीने भर की तनख्वाह 500 रुपए से भी कम थी, जबकि आज एक मजदूर का न्यूनतम वेतन औसतन 8000 रुपए है। अत: वर्ष 1978 में 1000 रुपए, 5000 रुपए और 10 हजार रुपए के नोट्स पर लगाए गए पाबंदी का सामान्य जनता पर खास असर नहीं पड़ा। मुख्यत: इसका असर तत्कालीन समय के संपन्न तबके पर देखा गया और इन नोटों को बदलने के लिए लाइन में खड़े लोग भी उच्च वर्ग के थें।
हालांकि उस दौर में भी लोग परेशान थे और लोगों में हड़कंप मच गया था। वर्ष 1978 में 1000 रूपए और 5 हजार रूपए के ही साथ 10 हजार रूपए के नोट्स प्रतिबंधित करने से लोग प्रभावित हुए थे। हालात ये रही थी कि जिनके पास नोट अधिक थे, वे खुद को आर्थिक तौर पर लगभग बर्बाद मान रहे थे। मगर फिर व्यवस्था में धीरे-धीरे नए नोट चलन में आने लगे। गौरतलब है कि उस दौर में मुंबई जैसे शहर में एक हजार रूपए में 5 वर्ग फीट की जमीन भी खरीदी जा सकती थी। 



38 सालों में बदल गया भारत-
1978 के भारत से आज का भारत पूरी तरह से बदल गया है। आज देश कई  मायने में बदल गया है, जिसे हमें निम्न बिंदुओं से समझ सकते हैं-
-आज देश में एक मजबूत मध्य वर्ग उभरा है। भारत की पूरी आर्थिक नीति मध्य वर्ग के मद्देनजर तैयार की जा रही है। मध्य वर्ग के मद्देनजर ही बाजार टिका है।
-आज इसी मध्य वर्ग के पास पैसा जमा करने अथवा निकलाने के लिए कई माध्यम है। आज मध्य वर्ग अपनी अधिकांश खरीदारी डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड के जरिए करता है। यही तबका अधिकांश अपना बकाया बिल ऑनलाइन जमा कर रहा है।
एटीएम मशीनें-
जहां 1978 में आम जनता पैसा निकालने अथवा जमा करने के लिए पूरी तरह बैंकांे अथवा पोस्ट ऑफिस पर निर्भर रहती थी, वहीं आज अधिकांश मध्य वर्ग, निम्न मध्य वर्ग सहित देश की अधिकांश आबादी एटीएम के जरिए धन निकासी कर रही है।
फिर भी है समस्या-
इन सारी सुविधाओं के बावजूद आज भी देश में अनेक समस्याएं हैं। देश के नीचले तबके की मासिक आय महज 8 हजार रुपए के करीब है, बेरोजगारी भी एक विकट समस्या है। महंगाई की वजह से पिछले 38 सालों में 100 रुपए की वैल्यू काफी गिर गई है। जिसकी वजह से नीचले तबके के पास भी करेंसी के तौर पर 500 और 1000 के नोट्स ही हैं। और मोदी सरकार की नोटबंदी फैसले का इस तबके पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ा है। यह वह आबादी है जाे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए किसी डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करती है और ना ही ऑनलाइन भुगतान करती है।
सरकारी तैयारी विफल-
विशेषज्ञों का कहना है कि एक अच्छी योजना अधूरी सरकारी तैयारी की वजह से आज फेल होने के कगार पर है। पूरे देश में पुराने नोटों को बदलने और नए नोटों को निकालने को लेकर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।


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Monday, 14 November 2016

#ExchangeCurrency अब 24 नवंबर तक पेट्रोल पंप, अस्पतालों में पुराने नोट जमा करने की सुविधा

बलिराम सिंह, नई दिल्ली
पूरे देश में कैश की कमी से जूझ रहे देशवासियों को केंद्र सरकार ने कुछ राहत देने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। अब आप 24 नवंबर तक पेट्रोल पंप, अस्पतालों में पुराने नोट जमा कर सकते हैं। पहले यह तिथि 14 नवंबर तक ही थी। इसके अलावा अब बैंकों से 4 हजार रुपए के बजाय 4500 रुपए तक पुराने नोट बदल सकते हैं। इसी तरह एटीएम से 2000 रुपए के बजाय 2500 रुपए तक निकालने की घोषणा की है। इसके अलावा अब देशभर में नई माइक्रो कैश मशीनें लगाई जाएंगी। केंद्र सरकार ने बैंकों से कहा है कि क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर ट्रांजैक्शन चार्जेज न लगाएं।
केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने बताया कि सरकार कम से कम तीन महीने पुराने करंट अकाउंट्स में से कैश विड्राल की लिमिटेशन अब प्रति सप्ताह 50 हजार रुपए कर देगी। करंट अकाउंट दरअसल बैंक अकाउंट का वह प्रकार है जो कारोबारियों की प्रतिदिन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुविधाजनक होता है। इसमें एक दिन में किए जाने वाले ट्रांजैक्शन्स की संख्या सीमित नहीं होती। उन्होंने कहा कि एटीएम आज या कल से 2000 रुपये के नए नोट देना शुरू कर देंगे। देश के 1.3 लाख डाकघरों को नकदी की आपूर्ति बढ़ायी जाएगी। रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि व्यवस्था में पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध है और ऐसे में परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। मौजूदा स्थिति आने वाले दिनों में सामान्य हो जाएगी।
एटीएम से 2500 रुपए निकालने की सुविधा-
अब नए नोटों के अनुरूप बदले गए एटीएम से ही एक दिन में अधिकतम 2500 रुपये निकाले जा सकेंगे। बैंक, बैंकिंग अभिकर्ताओं की नकदी रखने की सीमा बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने का फैसला किया गया है।
4500 रुपए के पुराने नोट बदले जाएंगे-
रविवार को सरकार ने कुछ नई घोषणाएं करके लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश की है, अब 4000 रुपए के बजाय 4500 के पुराने नोट बदल सकते हैं और हफ़्ते में 20 हजार रुपए के बजाय 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं।
14 नवंबर के बजाय 24 नवंबर तक जमा करने की छूट-
पुराने नोट लेने की तारीख़  (पेट्रोल पंप और अस्पताल आदि में) 14 नवंबर के बजाय 24 नवंबर हो गई है। इसके अलावा अब एक दिन में 10 हजार रुपए के  बजाय 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं। दिल्ली में बिजली बिल भी 24 नवंबर तक पुराने नोट के तौर पर जमा कर सकते हैं।
दिव्यांगों-बुजुर्गों के लिए अलग लाइन-
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए अलग से लाइन लगाई जाएंगी। गांवों में मोबाइल वैन के जरिए धनराशि पहुंचायी जाएगी।

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Saturday, 12 November 2016

देशभर में एटीएम की स्थिति सामान्य होने में लग जाएंगे 10 दिन: जेटली


बलिराम सिंह, नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश में एटीएम की स्थिति सामान्य होने में कम से कम 10 दिन लग जाएंगे। अर्थात देशवासियों को फिलहाल नए नोट अथवा 100-50 के नोटों को पाने के लिए एटीएम अथवा बैंकों के आगे लंबी लाइन में घंटों खड़ा होना पड़ेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा कि बैंक पूरी कोशिश कर रहे हैं, जिससे लोगों को इन कामों में दिक्कत ना आए।
सीिनयर सिटीजन के लिए हो विशेष इंतजाम-
वित्त मंत्री ने बैंकों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि बैंकों के एटीएम के बाहर लंबी लाइनों में अगर सीनियर सिटीजन हैं तो उनके लिए बैंक अलग से व्यवस्था करें। ताकि एटीएम से पैसे निकालने के लिए सीनियर सिटीजन्स को लंबी प्रतीक्षा ना करनी पड़े। ये आदेश अलग-अलग जगहों से एटीएम की लाइन में खड़े कुछ बुजुर्गों की तबियत खराब होने और मौत होने की खबरें आने के बाद दिया है।
गोपनीयता के लिए एटीएम को तैयार नहीं किया गया-
वित्त मंत्री ने साफ जवाब दिया कि पहले से बैंकों के एटीएम को नई करेंसी के लिए तैयार इसलिए नहीं किया गया, ताकि नोटबंदी के फैसले की गोपनीयता को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके। अगर एटीएम को पहले से ही नए करेंसी के स्लॉट बनाए जाते तो इस खबर के लीक होने का अंदेशा था, जिससे सरकार की काले धन पर लगाम की ये कोशिश पूरी तरह सफल नहीं रहती। सरकार ने पूरी गोपनीयता बनाए रखने के लिए एटीएम की प्रोग्रामिंग में बदलाव के पूर्व आदेश जारी नहीं किए।
दिल्ली सहित देशभर में एटीएम मशीनें सूखी-
सरकार के अनेक दावों के विपरीत देश में कई जगहों पर एटीएम मशीनें नहीं चल रही हैं और जहां चल भी रही हैं वहां लोगों को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है। शाम होते-होते मशीनें शुरु हुईं पर तब तक लोग परेशान होते रहे।
एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि सारे एटीएम को सही तरीके से ऑपरेट कराने के लिए 10-15 दिन और लगेंगे। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों के एटीएम के चालू होने का समय अलग-अलग बताया जा रहा है

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