अपना दल के घर में मोदी आगे, अपने घर में पीछे
-भाजपा के गढ़ में मिले एक लाख से कम वोट
बलिराम सिंह
सोचिए जरा, यदि वाराणसी से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की जीत का मार्जिन काफी कम होता, यदि अपना दल जैसी क्षेत्रीय पार्टी का गठबंधन भाजपा के साथ नहीं होता, तो विरोधी दल सहित मीडिया नरेन्द्र मोदी के खिलाफ किस तरह से हमलावार होते! चुनाव से पहले भारत सहित विदेशी एजेंसियों की नजरें वाराणसी पर टिकी हुई थीं। सभी विपक्षी पार्टियां नरेन्द्र मोदी को पटखनी देने के लिए दल-बल सहित वाराणसी में डेरा डाल दी थी, बावजूद इसके नरेन्द्र मोदी अपने विपक्षियों पर पौने चार लाख वोटों से भारी पड़े।
वाराणसी में चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी पर चौतरफा हमला के दौरान अपना दल के कार्यकत्र्ता मोदी के साथ खड़े रहे। मजे की बात यह है कि भाजपा का गढ़ कहा जाने वाला दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को एक लाख से भी कम वोट मिले थे। यहां से भाजपा के विधायक सातवीं बार जीते हैं। दूसरी ओर रोहनिया और सेवापुरी जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में मोदी को दो लाख से ज्यादा वोट मिलें। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अपना दल का वर्चस्व है और इनमें से रोहनिया सीट पर अपना दल का कब्जा है और दूसरी सीट सेवापुरी पर भी पटेल बहुल इलाका है। फिलहाल यहां से सपा के सुरेन्द्र सिंह पटेल विधायक हैं और प्रदेश में लोक निर्माण राज्य मंत्री हैं। अपना दल का यहां भी अच्छा खासा दबदबा है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से चुनाव लड़ा। इनके अलावा कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी अजय राय को जीताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। मुस्लिम मतदाताओं का वोट न बंटे, इसके लिए बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ा। बावजूद इसके नरेन्द्र मोदी को यहां पर 581022 वोट मिले और उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को 371784 वोटों से पटखनी दी।
विधानसभा वार मोदी को मिले वोट-
कैंट - 137557
रोहिनया - 119048
नार्थ -119000
सेवापुरी -104803
दक्षिणी - 98058
चुनाव में प्रत्याशियों को मिले वोट-
नरेन्द्र मोदी (भाजपा ) - 581022
अरविंद केजरीवाल (आप) -209238
अजय राय (कांग्रेस) -75614
विजय प्रकाश जायसवाल (बसपा)- 60579
कैलाश चौरसिया (सपा) - 45291
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