Monday 19 May 2014

आजमगढ़ नहीं छोड़ेंगे मुलायम सिंह यादव!

बलिराम सिंह-
काफी कसरत के बाद आजमगढ़ में साइकिल तो दौड़ गई, लेकिन उपचुनाव में यहां से दोबारा जीत हासिल करना समाजवादी पार्टी के लिए टेढ़ी खीर है। प्रदेश का पूरा प्रशासनिक तंत्र आजमगढ़ में मौजूद होने के बावजूद यहां पर मुलायम सिंह की जीत का अंतर मात्र 63 हजार है। ऐसे में रानीतिक पंडितों की माने तो उपचुनाव में यहां पर सपा शिकस्त खा सकती है। अत: मुलायम सिंह आजमगढ़ के बजाय मैनपुरी सीट को छोडऩा ज्यादा पसंद करेंगे।
आंकड़ों पर गौर करें तो मुलायम सिंह यादव को आजमगढ़ सदर लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्रों में से सबसे ज्यादा नुकसान पटेल बहुल सगड़ी विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। यूपी कैबिनेट में पटेलों (मात्र तीन मंत्री- एक स्वतंत्र प्रभार, एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) को नजरअंदाज करना महंगा पड़ा। मजे की बात यह है कि इस सीट से सपा के अभय सिंह पटेल विधायक हैं, बावजूद इसके यहां पर मुलायम सिंह को मात्र 57 हजार के करीब वोट मिले, जबकि रामाकांत यादव को यहां मुलायम सिंह के अपेक्षा महज 1800 वोट कम मिले। हालांकि सदर जैसी सर्वण बहुल सीट पर मुलायम सिंह को 81689 वोट प्राप्त हुए और यहां पर उनकी जीत का मार्जिन काफी ज्यादा था। इसके अलावा सपा को मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र में 70 हजार, गोपालपुर में 67 हजार और मेहनगर में 63 हजार वोट मिले।
आजमगढ़ में सपा सुप्रीमो को कुल 340306 वोट मिलें, जबकि भाजपा के रामाकांत यादव को 277102, बसपा के गुड्डु जमाली को 266528 और कांग्रेस को मात्र 17950 मत मिले। बटला कांड के बाद अस्तित्व में आयी राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के प्रत्याशी एम. आमीर रशदी को महज 13271 वोट मिले।
आजमगढ़ में उतर आयी थी यूपी सरकार-
मुलायम सिंह यादव को भारी मतों से जीत दिलाने के लिए जिले के कद्दावर नेता बलराम सिंह यादव, दुर्गा यादव के अलावा प्रदेश के तमाम मंत्रियों, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव सहित तमाम नेता कई दिनों तक चुनाव प्रचार में जुटे रहें, बावजूद इसके जीत का अंतर काफी कम रहा।
क्यों नहीं छोड़ेंगे आजमगढ़-
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ की सीट को छोड़ते हैं तो उपचुनाव में यह सीट भी भाजपा के खाते में जा सकती है। ऐसे में सपा सुप्रीमो अपनी पुरानी और सुरक्षित मानी जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट को छोड़ सकते हैं, जहां पर सपा प्रत्याशी को जीत हासिल करना आसान होगा।
सैफई बनेगा आजमगढ़-
अब देखना यह है कि क्या वाकई आजमगढ़ सैफई बनेगा या केवल चुनाव के दौरान सपा सुप्रीमों को जीत दिलाने के लिए सपा के आला नेता हवाई वादे कर रहे थें, ये तो आने वाला वक्त बताएगा। देश में सदैव सुर्खियों में रहने वाला आजमगढ़ बाढ़, बेरोजगारी, बुनियादी सुविधाओं जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
आजमगढ़ के  भाजपा नेता घनश्याम पटेल का कहना है कि चुनाव में मुलायम सिंह यादव को जीत दिलाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद सभी नीतियां अपनायी गईं। अब हमलोगों की यही मांग है कि मुलायम सिंह और उनके सिपहसलारों ने आजमगढ़ के विकास के लिए जो वायदा किया था, उसे पूरा करके दिखाएं।

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