Tuesday 25 October 2016

War Memorial शहीदों की याद में देश को समर्पित वॉर मेमोरियल, स्मारक में निर्मित है 130 फीट ऊंची तलवार

बलिराम सिंह,
पंजाब के अमृतसर में नवनिर्मित वॉर मेमोरियल (युद्ध स्मारक और संग्रहालय) रविवार को देश को समर्पित कर दिया गया। स्मारक में एशिया की सबसे ऊंची (130 फीट ऊंची) और 54 टन भारी तलवार भी स्थापित की गई है। इसमें पंजाब के जवानों द्वारा विभिन्न युद्धों दिखाई गई बहादुरी को भी दर्शाया गया है। वॉर मेमोरियल का उद्धाटन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार को किया। स्मारक के निर्माण में लगभग 150 करेाड़ रुपए खर्च हुए हैं।
वॉर मेमोरियल में यहां पर आठ गैलरियां बनाई गई हैं। स्मारक में निर्मित तलवार की मुट्ठ में चार शेर बनाए गए हैं। तलवार की धार पाकिस्तान की ओर है। स्मारक में अमर जवान ज्योति स्थापित की गई है, जो 24 घंटे देश की एकता व अखंडता के लिए शहादत देने वाले हमारे शहीदों को नमन करती रहेगी। इसमें राजा पोरस से लेकर कारगिल युद्ध तक का इतिहास दर्ज है।
पंजाबी सैनिकों की याद में अद्भुत यादगार-
वार मेमोरियल का निर्माण 7 एकड़ में किया गया है। यहां पर भारत की पाकिस्तान और चीन के साथ हुई अलग-अलग जंगों में शहीद हुए 3500 पंजाबी सैनिकों की शहादत के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
मुख्य दीवार पर सारागढ़ी की लड़ाई का वर्णन-
युद्ध स्मारक के मुख्य द्वार की दीवार पर 21 सिखों की ओर से दस हजार अफगानियों के साथ लड़ी गई सारागढ़ी की लड़ाई को दर्शाया गया है। यह दीवार महाराजा रणजीत सिंह द्वारा अमृतसर की सुरक्षा के लिए बनाई दीवार की अनुभूति भी देगी। स्मारक में बंकरनुमा कैंटीन भी बनाई गई है। यहां पर्यटक बैठकर खानपान का आनंद ले सकेंगे। यहां बैठकर ऐसी अनुभूति होगी कि युद्ध के मैदान में बंकर में बैठकर चाय पी रहे हैं।
यहां पर पाक से जीते टैंक, हवाई जहाज और पनडुब्बी अदि लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। अट्टारी रोड पर नारायगढ़ में निर्मित वॉर मेमोरियल में दुनियाभर से आने वाले सैलानियों को पंजाबियों की वीरता और कुर्बानियों के बारे में जानकारी मिलेगी। नौजवान पीढ़ी में देश भक्ति का जज्बा पैदा होगा और देशसेवा को प्रेरित होंगे।

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3 Comments:

At 26 October 2016 at 04:25 , Blogger baliram singh said...

चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं,

 
At 26 October 2016 at 06:43 , Blogger Unknown said...

behtarin informatiom

 
At 27 October 2016 at 05:44 , Blogger biharvimarsh said...

ज्ञानवर्द्धक। अदभुत। जय हिंद

 

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