#Ballia बहुत याद आएंगे शहीद राजेश यादव
बलिराम सिंह, नई दिल्ली/बलिया
कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद लांस नायक राजेश कुमार यादव का बलिया
में मंगलवार को अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ हुआ। शहीद की अंतिम यात्रा
में जनसैलाब उमड़ पड़ा था। प्रदेश सरकार के मंत्रियों, जिले के प्रशासनिक अधिकारियों
सहित हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की।
(फोटो साभार-बलिया की बातें)
बलिया में मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे सेना के जवान शहीद लांस नायक राजेश कुमार
यादव का शव लेकर उनके गांव दुबहर पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया था। तिरंगे में लिपटे
शहीद की अंतिम यात्रा साढ़े 12 बजे उनके गांव से निकली तो उसमें हजारों लोग शामिल थे।
तीन किमी दूर गंगा के भड़सर घाट पर गार्ड आफ ऑनर दिया गया। राजेश के बड़े भाई श्रीभगवान
ने मुखाग्नी दी। इस दौरान मंत्री रामगोविंद चौधरी, जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस, पुलिस
अधीक्षक प्रभाकर चौधरी, गोरखा रेजिमेंट के जवान के साथ 90 और 93 बटालियन एनसीसी के सैन्य अधिकारी सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।
मात्र तीन किमी की दूरी पर है मंगल पाण्डेय का गांव-
शहीद राजेश यादव के गांव दुबहर (जिला मुख्यालय से 10 किलाेमीटर की दूर पर) से मात्र तीन किलोमीटर की दूर पर 1857 की क्रांति के नायक
मंगल पांडेय का पैतृक गांव नगवां (जिला मुख्यालय से 7 किमी की दूरी पर) है। तो कुछ दूरी पर हिन्दी के साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी का
घर है। आजादी की लड़ाई में भी नगवां, दुबहर के आसपास के गांवों के लोगों का बहुत बड़ा
योगदान था।
Labels: Ballia, dubahar, Jammu_Kashmir, Mangal Pandey, Nagawa, shahid Rajesh Yadav, UP, Uri sector
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