#Parliament 30 सालों तक संसद की कार्यवाही पर बारीकी से नजर रखने वाले राजाराम यादव सेवानिवृत हाे गए
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
टाइप राइटर से लिखी खबरों से
लेकर वेब मीडिया तक का दौर देखने वाले दैनिक भास्कर के कर्मचारी राजाराम यादव 30
साल की सेवा के बाद बुधवार को सेवानिवृत हाे गए। राजाराम जी को वरिष्ठ पत्रकार
आलोक मेहता, हरीश गुप्ता सहित देश की अनेक जानमानी हस्तियों ने िवदाई दी। इस मौके
पर हमारे मित्र एवं पत्रकार मनीष कुमार का कहना है कि राजाराम जी का भास्कर में तीस
सालों का सफर 8 सिंतबर, 2016 को आईएनस ऑफिस में खत्म हुआ लेकिन यह अंत नहीं है...वह
खबरों की दुनिया से दूर नहीं रह सकते यह तय है...इस उम्मीद के साथ कि वह फिर किसी दफ्तर
में किसी को डांटते, किसी से बहस करते, किसी को खबरों का एंगल समझाते और राजनीति पर
चर्चा करते हुए नजर आएंगे...उन्हें हमारा सलाम.
मात्र 10वीं तक की पढ़ाई
करने वाले राजाराम यादव को संसद की पिछले 30 सालों के कामकाज के बारे कंठस्थ
जानकारी है। संसद के बदलते माहौल और उसकी सुरक्षा में हुए बदलाव की चलती फिरती
पुस्तकालय हैं राजाराम यादव।
राजाराम यादव पर मैंने आज से लगभग दो साल पहले पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर (25 दिसंबर 2014) भी राजाराम यादव
पर एक ब्लॉग लिखा था।
बदलते दौर के साथ बदल गये सांसद
-सांसदों को पुरानी पीढ़ी से
सीखनी चाहिए शालीनता
-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी के जन्म दिवस पर संसद को २७ सालों से बारीकी से देखने वाले दैनिक भास्कर अखबार
के कर्मचारी व गोरखपुर क्षेत्र के निवासी राजाराम यादव से विशेष बातचीत
नई दिल्ली
बदलते समय के साथ नेताओं का
बर्ताव भी बदल गया है। आज संसद में हमारे नेताओं का विरोध-प्रदर्शन का रवैया बदल गया
है। अब हर कोई सांसद स्पीकर के पास विरोध करने पहुंच जाता है। लेकिन दो दशक पहले इस
तरह के वाकये बहुत कम देखे जाते थे। यह कहना है संसद को बेहद करीब से देखने वाले दैनिक
भास्कर अखबार के कर्मचारी प्तक्रड्डद्भड्डक्रड्डद्व ङ्घड्डस्रड्ड1 का।
चूंकि आज (25 दिसंबर) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी का जन्म दिवस है और पूर्व प्रधानमंत्री के जन्म दिवस के एक दिन पहले राष्ट्रपति
द्वारा वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से सम्मानित
किए जाने की घोषणा पर एक बार फिर पुरानी पीढ़ी के नेताओं के व्यवहार, वाकपटुता, विचाराधारा
से लगाव और नैतिकता याद आ गई। ऐसे में हमने आज के दिन बदलते दौर के साथ संसद के स्वरूप
और सांसदों के आचार-विचार को जानने के लिए राजाराम यादव से बातचीत की। राजा राम यादव
पिछले 30 सालों (वर्ष1987) से संसद भवन जा रहे हैं और वहां से संसद की कार्यवाही से
संबंधित आवश्यक कागजातों को लाते रहे हैं।
प्रस्तुत है प्रमुख अंश-
सांसदों का व्यवहार-
राजाराम यादव कहते हैं कि आज
के दौर में सांसदों के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया है। आज के युवा सांसदों को अपनी
पुरानी पीढ़ी के सांसदों से शालीनता सीखनी चाहिए। पहले भी विपक्ष के सांसद विरोध करते
थे, लेकिन विरोध में भी एक शालीनता झलकती थी। पुरानी पीढ़ी के सांसद मीडिया गैलरी में
भी आते थे और पत्रकारों से सहज ढंग से हाथ मिलाते थें, लेकिन अब यह मौका काफी दिखता
है। कभी-कभी कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी नजर आते हैं।
ढाई गुना महंगा हुआ खाना-
दो दशक पहले संसद में 7 रुपए
में पूरी थाली मिलती थी, जो कि अब बढ़कर 18 रुपए हो गई है। पहले चाय 50 पैसे मिलती थी,
जो कि आज एक रुपए की हो गई है।
सुरक्षा हुई चुस्त-
संसद
में वर्ष 2001 में हुए आतंकवादी हमला के बाद सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी गई है। अब
ष्टक्रक्कस्न और ष्ठद्गद्यद्धद्ब क्कशद्यद्बष्द्ग के अलावा अन्य विभागों के भी जवान
तैनात रहते हैं। इसके अलावा किसी भी तरह के संवेदनशील सामानों की जांच के लिए अत्याधुनिक
मशीनें भी लगा दी गई हैं।
हमला के दौरान टेबल के नीचे-
राजाराम यादव कहते हैं कि संसद
हमले के दौरान जान बचाने के लिए वह पीआईबी कक्ष में टेबल के नीचे बैठ गए थे। हमले की
जानकारी मिलते ही सभी लोग संसद के अंदर आ गए थे।
अब तो अनेकों बोफोर्स घोटाले-
राजा राम यादव कहते हैं कि
ढाई दशक पहले हुए बोफोर्स घोटाले से पूरे देश में हलचल मच गई थी। संसद में खूब हंगामा
हुआ, लेकिन आज तो अनेकों घोटाले हो रहे हैं।
कुछ यादगार-
-बाबरी मस्जिद गिरने के बाद
संसद में समाजवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सहित कई
नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा की थी। इसके अलावा दंगा हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजली
दी गई।
सितारे नजर नहीं आते-
ढाई दशक पहले इलाहाबाद से कांग्रेस
के टिकट पर सांसद बने अमिताभ बच्चन बहुत कम संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इसी
तरह आज सिने तारिका रेखा, हेमा मालिनी और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी संसद में बहुत
कम नजर आते हैं।
राजाराम यादव का जीवन परिचय, एक नजर-
जन्म- 1 सितंबर वर्ष 1958
निवासी-पूर्वी यूपी के जिला
संत कबीर नगर, ग्राम-जगदीश पुर, पोस्ट- अशरफ पुर
शिक्षा- मात्र 10वीं पास,
कार्य- दैनिक भास्कर अखबार में चतुर्थ क्लास के कर्मचारी, लेकिन
आज भी रोजाना घर पर तीन अखबार खरीदते हैं, रविवार को टाईम्स ऑफ इंडिया की प्रति भी
लेते हैं। रोजाना दो घंटा अखबार पर समय, ऑफिस आने पर अन्य अखबारों पर भी गंभीरता से
नजर डालते हैंLabels: #BOLYWOOD, Alok Mehta, Harish Gupta, HemaMalini, Parliament, Parliament Attack, Rajaram Yadav, Rekha, Sachin Tendulkar, web media
2 Comments:
भाई बाबरी मस्जिद के दौरान सीताराम येचुरी सांसद कहां थे..तब बच्चे थे..सुधार लीजिए..हरकिशन सिंह सुरजीत जी के साथ सहयोगी की भूमिका में रहते थे तब येचुरी जी
ठीक है भाई साहब
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