Wednesday 16 November 2016

Pollution वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में चीन को पीछे छोड़ा भारत



बलिराम सिंह, नई दिल्ली
देश में प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है, जो कि अत्यधिक चिंतनीय है। वर्ष 2015 में वायु प्रदूषण की वजह से चीन के अपेक्षा भारत में ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज प्रोजेक्ट की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। वर्ष 2015 में भारत में 3283 लोगों की रोजाना मौत हुई, जबकि इसकी तुलना में चीन में 3233 लोगों की मौत हुई। अध्ययन से खुलासा हुआ है कि 1990 से अब तक लगातार भारत में होने वाले असामयिक मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
ग्रीनपीस ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इस साल की शुरूआत में ही संस्था ने इस तरह की जानकारी दी थी कि इस शताब्दी में पहली बार भारतीय नागरिकों को चीन के नागरिकों की तुलना में औसत रूप से अधिक कण (पार्टिक्यूलेट मैटर- सूक्ष्म कण) या वायु प्रदूषण का दंश झेलना पड़ रहा है। ग्रीनपीस के कैंपेनर सुनील दहिया का कहना है कि चीन एक उदाहरण है, जहां सरकार द्वारा मजबूत नियम लागू करके लोगों के हित में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सका है। जबकि भारत में साल दर साल लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही गया है। यह इस बात को भी दर्शाता है कि हमारी हवा कितनी प्रदूषित हो गई है। सरकार को इससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने ही होंगे।
2005-2011 तक चीन में बढ़ा प्रदूषण-
चीन में पेट्रो ईंधन पर अधिक निर्भरता की वजह से हवा की स्थिति बहुत खराब हो गई थी। 2005 से 2011 के बीच पीएम का स्तर 20 फीसदी तक बढ़ गया था। 2011 में चीन में सबसे ज्यादा बाहरी वायु प्रदूषण रिकाॅर्ड किया गया, लेकिन इसके बाद 2015 आते-आते चीन के वायु प्रदूषण में सुधार होता गया।
भारत में बढ़ती जा रही हैं मौतें-
 लेकिन इस दौरान भारत में वायु प्रदूषण को लेकर ठोस कदम न उठाने की वजह से पिछले कुछ सालों में लगातार प्रदूषण स्तर बढ़ा है। वर्ष 2015 का साल सबसे अधिक वायु प्रदूषित साल रिकॉर्ड किया गया। परिणामस्वरूप भारत में असामायिक मृत्यु की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।

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